करुणामूलक नौकरियों में कोई शर्त ना थोपे सरकार, वरना होगा आंदोलन

Edited By kirti, Updated: 11 Feb, 2020 12:05 PM

government should not impose any condition in compassionate jobs

कर्मचारियों की सेवा अवधि के दौरान मौत के बाद दी जाने वाली करुणामूलक नौकरियों के मामले में अब प्रदेश सरकार कुछ हरकत में आई है। एन.सी.पी. प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र सिंह डोगरा ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से पत्राचार शुरू किया था।

 

हमीरपुर : कर्मचारियों की सेवा अवधि के दौरान मौत के बाद दी जाने वाली करुणामूलक नौकरियों के मामले में अब प्रदेश सरकार कुछ हरकत में आई है। एन.सी.पी. प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र सिंह डोगरा ने इस मसले को गंभीरता से लेते हुए सरकार से पत्राचार शुरू किया था। इसका कोई जवाब नहीं आने पर डोगरा ने तल्ख तेवर अपनाते हुए प्रदेश सरकार को इस बारे में 15 फरवरी तक कोई निर्णय लेने की मोहलत दी थी। डोगरा ने साफ शब्दों में कह दिया था कि सरकार यदि इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाती है तो मजबूरन उन्हें सरकार के खिलाफ आंदोलन करना पड़ेगा जिसमें करुणामूलक आधार पर नौकरी नहीं मिलने वाले 4500 युवा भी शामिल होंगे। डोगरा ने सरकार को इन नौकरियों में किसी भी तरह की शर्त थोपने से भी साफ मना किया था।

सरकार द्वारा वित्त विभाग को यह मामला (बिना शर्त करुणामूलक आधार पर नौकरियां देने) के बारे में जांच करने के निर्देश दिए हैं। जिसकी जानकारी रविंद्र सिंह डोगरा ने दी। उन्होंने ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लिखे पत्र में यह भी कहा था अगर सरकार के पास फार्मूला नहीं है या उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि एक साथ सभी को नौकरी कैसे दें, तो इसका हल हम बता सकते हैं। इसके अलावा रविंद्र सिंह डोगरा ने उन युवाओं जिनकी उम्र सरकारी नौकरी की आयु सीमा से ज्यादा हो गई है उन्हें एकमुश्त मुआवजा देने की भी मांग सरकार से की है, क्योंकि इसमें सरकारों और अधिकारियों की गलत नीतियां और कार्यप्रणाली जिम्मेदार है।

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