Edited By Vijay, Updated: 10 Aug, 2022 11:12 PM

टीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के लिए डीपीसी प्रक्रिया में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। रविन्द्र सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने 7 जनवरी, 2022 को पारित निर्णय...
शिमला (मनोहर): टीजीटी शिक्षकों की प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के लिए डीपीसी प्रक्रिया में हो रही देरी पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। रविन्द्र सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने 7 जनवरी, 2022 को पारित निर्णय की अनुपालना न होने पर आगामी 22 अगस्त को शिक्षा सचिव को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने 7 जनवरी, 2022 को पारित निर्णय में स्पष्ट किया है कि टीजीटी शिक्षक रविंद्र सिंह व ऐसे अन्य शिक्षक को इतिहास विषय में रिक्त पड़े प्रवक्ता के पदों पर पदोन्नत करें।
प्रार्थी रविंद्र कुमार की बतौर टीजीटी 5 साल सेवाकाल अवधि वर्ष 2014 में पूरी हुई थी और कई बार उसका नाम पदोन्नति पैनल में आगे भेजा गया और प्रवक्ता इतिहास के 95 पद रिक्त रहने पर भी प्रार्थी को पदोन्नति नहीं मिली, ऐसे में हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे कि इतिहास विषय पर पदोन्नति के लिए विशेष डीपीसी करते हुए प्रार्थी और ऐसे अन्य पात्र शिक्षकों को पदोन्नति दी जाए मगर आज तक प्रार्थी को पदोन्नति नहीं दी है, जिसके कारण हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर हुई।
हाईकोर्ट ने प्रारम्भिक सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग को 2 सप्ताह का समय दिया लेकिन 2 सप्ताह बाद भी कोई जवाब दायर नहीं किया। 8 अगस्त को हाईकोर्ट ने इसका संज्ञान लिया और 22 अगस्त तक प्रमोशन प्रक्रिया के तहत डीपीसी न किए जाने पर शिक्षा सचिव को स्वयं हाईकोर्ट में उपस्थित होने का आदेश पारित किया है, ऐसे में टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति हेतु डीपीसी 22 अगस्त से पहले करना संभव हो सकता है।
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