Edited By Vijay, Updated: 31 Jul, 2019 10:05 PM
प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन टैक्नोमैक कंपनी में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में ई.डी. (प्रवर्तन निदेशालय) के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसके तहत मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की सम्पत्तियों की नीलामी बारे प्रस्तावित अदालती आदेशों पर रोक लगाने...
शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने इंडियन टैक्नोमैक कंपनी में हुए करोड़ों के घोटाले के मामले में ई.डी. (प्रवर्तन निदेशालय) के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसके तहत मामले की जांच पूरी होने तक कंपनी की सम्पत्तियों की नीलामी बारे प्रस्तावित अदालती आदेशों पर रोक लगाने की मांग की गई थी। अदालत को बताया गया था कि इंडियन टैक्नोमैक कंपनी की सम्पत्ति की नीलामी अनुसूची तय कर दी गई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने इस मामले में 2 अगस्त तक नीलामी का शैड्यूल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
2100 करोड़ रुपए टैक्स अदा न करने पर सीज हुई कंपनी
गौरतलब है कि सी.आई.डी. ने इंडियन टैक्नोमैक कंपनी लिमिटेड जगतपुर पांवटा साहिब द्वारा राज्य सरकार के लगभग 2100 करोड़ रुपए टैक्स न अदा करने पर फैक्टरी को आबकारी एवं कराधान विभाग ने सीज किया है। कंपनी द्वारा जारी दस्तावेजों को तैयार करके व अधिक उत्पादन दर्शा कर केवल मात्र विभिन्न बैंकों से ऋण लेने के लिए षड्यंत्र रचा गया, जिससे हिमाचल सरकार को भारी कर नुक्सान हुआ है।
कंपनी के प्रबंधन ने चोरी-छिपे बाहर निकाला स्क्रैप
इसके अतिरिक्त इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के प्रबंधन ने पांवटा साहिब स्थित आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों से मिलीभगत करके इस कंपनी के सीज होने के बाद भी कंपनी के अंदर रखे हुए सामान व स्क्रैप इत्यादि को चोरी-छिपे बाहर निकाला है। इस दौरान एक स्क्रैप ट्रक को पुलिस द्वारा बरामद किया गया। कंपनी की संपत्ति को अटैच करने के उपरांत इस तरह कंपनी प्रबंधन द्वारा स्क्रैप बेचना कानूनन सही नहीं है जोकि तत्कालीन कंपनी प्रबंधन व आबकारी विभाग के कर्मचारियों द्वारा सुनियोजित तरीके से किया गया है।
घोटाले की 2 वर्षों से जांच कर रही सी.आई.डी.
सी.आई.डी. इस बड़े घोटाले को लेकर पुलिस स्टेशन भराड़ी में भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471, 201, 217, 218, 120बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) डी व 5 तथा 7 के तहत पिछले 2 सालों से जांच कर रही है।