Edited By Vijay, Updated: 22 Jun, 2022 11:59 PM
पिरड़ी डंपिंग साइट पर वर्षों पुराने कूड़े-कचरे के पहाड़ों को ब्यास नदी में बहाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए साइट पर मशीनरी भी तैनात कर दी गई है और कचरे को नदी में फैंकने के लिए चारदीवारी भी तोड़ रखी है।
कुल्लू (गीता): पिरड़ी डंपिंग साइट पर वर्षों पुराने कूड़े-कचरे के पहाड़ों को ब्यास नदी में बहाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए साइट पर मशीनरी भी तैनात कर दी गई है और कचरे को नदी में फैंकने के लिए चारदीवारी भी तोड़ रखी है। जिस रीकार्ट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कचरे को आरडीएफ में तबदील कर ठिकाने लगाने व सीमैंट प्लांट्स को भेजने का जिम्मा दिया गया था उस कंपनी ने काम नहीं किया है। अब अधिक बरसात और ब्यास नदी के जलस्तर के बढऩे का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही अधिक बरसात में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ेगा तो कचरे के ढेरों को ब्यास नदी में धकेले जाने की योजना है।
कोर्ट और एनजीटी से आस
क्षेत्रवासियों अजय कुमार, कृष्ण चंद, अनिल शर्मा, प्रदीप, मोहर सिंह, प्रेम चंद, अमित ठाकुर, संजय और कुलदीप ने कहा कि एनजीटी ने साइट को खाली करने के आदेश दिए हैं परंतु यह काम अभी नहीं हुआ और न ही यहां से कचरे को आरडीएफ में तबदील करके ठिकाने लगाया गया है। देख लीजिए कैसे कचरा ठिकाने लगाने की तैयारी हो रही है जबकि इसी ब्यास नदी पर लगभग 10 से 12 बड़ी पेयजल परियोजनाएं हैं। अब न्यायालय या एनजीटी ही ब्यास का दर्द समझ सकते हैं।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here