हिमाचल में ताले वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाएंगे सुखविंदर सिंह सुक्खू : जयराम

Edited By Vijay, Updated: 12 Mar, 2023 06:31 PM

leader of opposition jairam thakur

हिमाचल प्रदेश में पूर्व में रहे मुख्यमंत्रियों को पानी वाले और सड़कों वाले सीएम के रूप में जाना जाता है, उसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ताले वाले सीएम के रूप में जाने जाएंगे। जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर है तो समझ लो सरकार की उलटी...

धर्मशाला (तनुज): हिमाचल प्रदेश में पूर्व में रहे मुख्यमंत्रियों को पानी वाले और सड़कों वाले सीएम के रूप में जाना जाता है, उसी तरह वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ताले वाले सीएम के रूप में जाने जाएंगे। जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर है तो समझ लो सरकार की उलटी गिनती शुरू हो गई है। सरकार ने सत्ता संभालते ही जहां 613 संस्थानों को डीनोटिफाई कर दिया, वहीं 3 माह का कार्यकाल पूरा होने पर 19 काॅलेज बंद किए गए। 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने रविवार को संगठनात्मक जिला कांगड़ा द्वारा धर्मशाला में आयोजित आक्रोश रैली के दौरान कहा कि आकलन करने के बाद निर्णय करते तो स्वीकार करते, लेकिन उन्हें तो जल्दी थी। आय बढ़ाने की बात करते हैं लेकिन 6 सीपीएस बना दिए। छोटे राज्य में उपमुख्यमंत्री बना दिया। दिल्ली से फरमान आता है और रातोंरात चैयरमैन बना दिया जाता है। सहारा योजना में पिछले 5 माह से पैसा नहीं दिया जा रहा है। हिमकेयर को बंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जयराम ने कहा कि जनता सोचती थी कि कांग्रेस सरकार भी भाजपा जैसी होगी, लेकिन अब जनता ही कह रही है कि यह सरकार भाजपा जैसी नहीं। कांग्रेस सरकार का आलम यह है कि चले-चलाए संस्थानों को बंद कर दिया। 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक कार्टून का जिक्र करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि उसमें सीएम की फोटो के साथ लोकप्रिय की बजाय लॉकप्रिय लिखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार संस्थानों पर ताले लगाकर गारंटियां पूरी करने की कोशिश न करे। कर्मचारी वर्ग ओपीएस की आस में है जबकि कांग्रेस सरकार की 4 कैबिनेट में ओपीएस का एजेंडा चल ही रहा है। कर्मचारी पूर्व की भांति ओपीएस चाहते हैं और सरकार कहती है कि प्रदेश के मॉडल पर ओपीएस देंगे। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कांगड़ा से अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि जनता में किसी भी सरकार के प्रति 3 साल में इतना आक्रोश नहीं होता, जितना वर्तमान सरकार के समय में 3 माह में देखा जा रहा है। प्रदेश में डीनोटिफाई किए गए संस्थानों को बहाल नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा। संस्थानों की बहाली की लड़ाई विधानसभा के भीतर व बाहर लड़ी जाएगी और कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी तो हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। आगामी बजट सत्र में विपक्ष चर्चा के लिए तैयार है और सत्र में सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। 

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुजानपुर में कालेज खोलने की घोषणा की और पालमपुर में बीडीओ ऑफिस खोल दिया तो फिर इन्हें बंद ही क्यों किया। उन्होंने कहा कि सीमैंट विवाद के कारण ही प्रदेश को 200 करोड़ का नुक्सान हो गया और सरकार इसको टालती रही। जब विवाद सुलझाया तो ट्रक ऑप्रेटर्ज को ही नुक्सान हुआ है।

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