हिमाचल में प्राइवेट बसों के बाद अब खड़ी हो सकती हैं एचआरटीसी बसें, जानिए क्यों

Edited By Vijay, Updated: 04 May, 2021 10:28 PM

hrtc buses can now be parked after private buses in himachal

हिमाचल में प्राइवेट बसें खड़ी होने के बाद एचआरटीसी की बसें भी खड़ी हो सकती हैं। ऐसे में एक बार फिर परिवहन सेवाओं के लिए लोगों को परेशान होना पड़ सकता है। एचआरटीसी के चालक-परिचालक वेतन समय पर न मिलने से निगम प्रबंधन व सरकार से नाराज हैं और इस नाराजगी...

शिमला (राजेश): हिमाचल में प्राइवेट बसें खड़ी होने के बाद एचआरटीसी की बसें भी खड़ी हो सकती हैं। ऐसे में एक बार फिर परिवहन सेवाओं के लिए लोगों को परेशान होना पड़ सकता है। एचआरटीसी के चालक-परिचालक वेतन समय पर न मिलने से निगम प्रबंधन व सरकार से नाराज हैं और इस नाराजगी के बीच निगम चालकों-परिचालकों ने निगम प्रबंधन को चेताया है कि यदि अप्रैल माह का वेतन निगम प्रबंधन ने समय पर जारी नहीं किया तो वे ऐसे में अपना काम बंद कर देंगे और बसें नहीं चलाएंगे।

नहीं तो अपनाना पड़ेगा आंदोलन का रुख

चालकों-परिचालकों का कहना है कि 4 मई हो गई है लेकिन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। चालकों ने कहा कि निगम के पास चालकों व परिचालकों का करोड़ों रुपए की राशि का रात्रि व ओवरटाइम भत्ता है। इसके अतिरिक्त डीए भी लेने को है लेकिन इस राशि की मांग वे निगम से अभी नहीं कर रहे हैं। चालक-परिचालक प्रदेश के अन्य विभागों, बोर्ड व निगम के कर्मचारियों की तरह पहली तारीख को वेतन दिए जाने की मांग कर रहे हैं। चालकों-परिचालकों ने निगम प्रबंधन को चेतावनी दी और मांग की कि हर माह 1 से 5 तारीख के बीच कर्मचारियों को वेतन जारी करे नहीं तो बसें चलाना बंद कर आंदोलन का रुख अपनाना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन व प्रदेश सरकार की होगी।

चालक-परिचालक आ रहे कोरोना पॉजिटिव, मृतकों के परिवार को मिले 50 लाख मुआवजा

कोरोना संकट के बीच निगम के चालक-परिचालक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में निगम के चालक व परिचालक कोरोना पॉजिटिव भी आ रहे हैं और उन्हें चिकित्सकों द्वारा होम आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है। ऐसे में ड्राइवर यूनियन ने निगम प्रबंधन से मांग की है कि चालक-परिचालक जितने भी दिन होम आइसोलेशन में रहते हैं उन्हें स्पैशल लीव दी जाए क्योंकि निगम कर्मचारी ड्यूटी के दौरान पॉजिटिव आ रहे हैं। ड्राइवर यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि अब तक निगम के चालक और 2 परिचालकों की कोरोना से मौत हो चुकी है। ऐसे में सरकार इन कर्मचारियों के परिवार को 50 लाख का मुआवजा दे, जिसकी सरकार ने कोरोना योद्धा घोषित करने पर घोषणा की थी।

पैंशनर्ज को 3 माह से नहीं मिली पैंशन

एक ओर जहां निगम चालकों-परिचालकों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है, वहीं निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 3 माह से पैंशन नहीं मिली है। पैंशन न मिलने से पैंशनर मुश्किल से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ड्राइवर यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि निगम से बहुत से ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, जिनके बच्चे अभी नौकरी में नहीं लगे हैं और पूरा परिवार पैंशन पर निर्भर है। ऐसे में पैंशन न मिलने से मुश्किल से जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।

क्या बोले ड्राइवर यूनियन एचआरटीसी के प्रांतीय प्रधान

ड्राइवर यूनियन एचआरटीसी के प्रांतीय प्रधान मान सिंहकोरोना काल में निगम के कर्मचारी लगातार सेवाएं दे रहे हैं लेकिन निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे रहा है। ऐसे में ड्राईवर यूनियन ने बैठक आयोजित करने का फैसला लिया है कि यदि निगम समय पर वेतन जारी नहीं करता है तो चालक-परिचालक अपना काम बंद भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य मांगें भी निगम प्रबंधन से की हैं जिन्हें निगम जल्द पूरा करे।

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