Edited By Vijay, Updated: 13 Oct, 2024 02:28 PM
विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ व अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में सैंकड़ों देवी-देवता कुल्लू के ढालपुर मैदान पहुंच चुके हैं। भगवान रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा से पहले से पहले सभी देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई।
कुल्लू (दिलीप): विश्व के सबसे बड़े देव महाकुंभ व अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में सैंकड़ों देवी-देवता कुल्लू के ढालपुर मैदान पहुंच चुके हैं। भगवान रघुनाथ जी की भव्य रथ यात्रा से पहले से पहले सभी देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। इस पल का कुल्लू ही नहीं देश-विदेश के लोग भी इंतजार करते हैं। अठारह करड़ू की सौह ढालपुर मैदान में एक सप्ताह के लिए स्वर्गलोक सा नजारा दिखता है।
पूजा-पाठ के बाद सजाई रघुनाथ जी की पालकी
सुबह से पूजा-पाठ करने के बाद भगवान रघुनाथ जी सहित पालकी को सजाया गया। करीब 2 बजे लाव-लश्कर के साथ भगवान रघुनाथ जी रथ मैदान के लिए रवाना हुए। कुल्लू में वाद्ययंत्रों की मधुर स्वर लहरियों से सारा वातावरण देवमय हो गया है। भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा में जिलाभर के 100 से अधिक देवी-देवताओं के भाग लेने की उम्मीद है। इस दौरान रथ की डोर को स्पर्श करने के लिए लोगों की भीड़ लगती है। रथ की डोर छूना शुभ माना जाता है।
देवी-देवताओं का भव्य मिलन
रघुनाथ की नगरी को आते-जाते हुए देवता आपस मे भव्य मिलन करते हैं। मनुष्य की तरह यहां पर देवी-देवता भी आपस में मिलन करते नजर आए। कोरोना काल के 2 वर्षों के बाद रथ मैदान में देवी-देवताओं के साथ भीड़ नजर आई। रथ यात्रा के बाद सभी देवी-देवता अपने अस्थायी शिविरों में विराजमान होते हैं। इसके बाद अस्थायी शिविर में इनके दर्शन कर सकते हैं।
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