सुक्खू सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में सुधीर शर्मा को नहीं मिला स्थान, जानिए क्या है वजह

Edited By Vijay, Updated: 08 Jan, 2023 09:39 PM

cabinet expansion in sukhu government

हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कई नेताओं को स्थान नहीं मिल पाया। सबसे बड़ा झटका पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को लगा है। इसी तरह विधायक राजेश धर्माणी को भी जगह नहीं मिल पाई। हालांकि अभी मंत्रिमंडल को लेकर कुछ भी कहना...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में कई नेताओं को स्थान नहीं मिल पाया। सबसे बड़ा झटका पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा को लगा है। इसी तरह विधायक राजेश धर्माणी को भी जगह नहीं मिल पाई। हालांकि अभी मंत्रिमंडल को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि दूसरे चरण का विस्तार भी होना है तथा 3 मंत्री बनाए जाने हैं, ऐसे में किसी भी लॉटरी लग सकती है। देखा जाए तो धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा के मंत्री बनने को लेकर उनके सर्मथक अंतिम समय तक आश्वस्त थे लेकिन पहले विस्तार में स्थान न मिल पाने से उनको निराशा हाथ लगी। सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि हाईकमान की नाराजगी सुधीर शर्मा पर भारी पड़ी। विधानसभा उपचुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करने और चुनाव से पूर्व उनके भाजपा में जाने की अटकलें भी लगती रहीं। हालांकि सुधीर शर्मा ने ऐसे चर्चाओं से इंकार किया था लेकिन विरोधी धड़े ने अपना काम कर लिया था। इस कारण उनके विधानसभा टिकट पर भी अंतिम समय तक पेंच फंस रहा और लंबी माथापच्ची के बाद पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वह जीत कर विधानसभा पहुंचे। 

राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखपाल की दावेदारी भी पड़ी कमजोर
इसके साथ ही जिला हमीरपुर से मुख्यमंत्री होने के चलते विधायक राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखपाल की मंत्री पद को लेकर दावेदारी कमजोर पड़ गई। राजेंद्र राणा पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. कुमार धूमल को चुनाव में हराकर सुर्खियों में आए थे। इस बार भी भाजपा ने पूरी ताकत लगाई लेकिन राजेंद्र राणा ने जीत दर्ज कर सभी को अपनी राजनीतिक ताकत से अवगत करवा दिया। इसी तरह इंद्रदत्त लखपाल भी तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं और वरिष्ठ विधायकों में शुमार हैं, ऐसे में राजेंद्र राणा को मंत्री बनाए जाने की स्थिति में लखनपाल को भी पद से नवाजा जाने का दवाब हाईकमान पर होता। वहीं विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि मंत्रिमंडल में जिन भी सदस्यों को शामिल किया गया है, वे उससे संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं और जनता के हित में काम करते रहेंगे। 

धर्माणी का ससंदीय क्षेत्र के चलते फंस गया पेंच
राजेश धर्माणी इस बार जिला बिलासपुर के घुमारवीं विधानसभा सीट से जीत कर तीसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं। माना जा रहा था कि उन्हें भी मंत्रिमंडल में स्थान मिल जाएगा लेकिन हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री होने से कुछ समीकरण बिगड़ गए। इसी तरह विधायक विनय कुमार को भी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिल पाया। जिला सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान को मंत्री बनाए जाने से उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई।

राठौर को भी नहीं मिला स्थान
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर को भी मंत्रीमंडल में स्थान नहीं मिल पाया है। जिला शिमला से 3 युवा चेहरों को मंत्री बनाए जाने से वे दौड़ से बाहर हो गए। 

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