शादी का झांसा देकर नाबालिगा से दुष्कर्म करने के दोषी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

Edited By Jinesh Kumar, Updated: 17 Oct, 2020 07:32 PM

10 year rigorous imprisonment for misdemeanor of raping a minor

नाबालिग युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास...

धर्मशाला (तनुज): नाबालिग युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी पर दोष सिद्ध होने पर न्यायालय ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। स्पेशल कोर्ट (पोक्सो) धर्मशाला कृष्ण कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी राजेश वर्मा ने बताया कि पालमपुर उपमंडल के अंतर्गत एक गांव के व्यक्ति ने पुलिस थाना में 10 मई 2015 को मामला दर्ज करवाया था। इसमें पीड़िता के पिता ने कहा था कि वह अनुसूचित जाति से सबंध रखते हैं। उनकी बेटी के साथ आरोपी दीपक कुमार ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया। पीड़िता ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा था कि वह सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लेती थी। इस दौरान आरोपी उसके साथ बातचीत करने लगा और फिर बाद में उसके साथ मोबाइल पर भी बात करने शुरु कर दी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसको शादी का झांसा देकर लगभग 2 साल तक उसके साथ दुष्कर्म किया।

जब पीड़िता ने आरोपी से शादी करने की बात कही तो आरोपी इससे मुकर गया। जिस पर पीड़िता ने इस बारे अपनी मां को बताया। जिस पर पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के परिवार के सदस्यों से शादी करने की बात कही तो उन्होंने पीड़िता के परिवार को अनुसूचित जाति की बात कहते हुए शादी करवाने से मना कर दिया। जिस पर पुलिस थाना में इस बाबत मामला दर्ज करवाया गया। न्यायालय में पहुंचे इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह पेश किए गए जबकि बचाव पक्ष की ओर से 1 गवाह मामले में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास सहित 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई। वहीं जुर्माना अदा न करने पर दोषी को 1 वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी जिला न्यायवादी राजेश वर्मा, उप जिला न्यायवादी संदीप अग्रिहोत्री व एलएम शर्मा द्वारा की गई।

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