पहली बार किन्नौर की हंगरंग घाटी में कैमरे में कैद हुई पल्लास बिल्ली

Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jun, 2024 11:11 PM

shimla kinnaur hangrang pallas cat

हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिला के हंगरंग घाटी में पहली बार पल्लास बिल्ली (ओटोकोलोबस मैनुअल) को देखा है। यह बिल्ली नेचर कंजर्वेशन फाऊंडेशन व हिमाचल प्रदेश वन्य जीव विंग द्वारा संयुक्त रूप से लगाए गए कैमरे में कैद हुई है।

नेचर कंजर्वेशन फाऊंडेशन के सहयोग से हिमाचल प्रदेश वन्य जीव विंग ने लगाया कैमरा
शिमला (भूपिन्द्र):
हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिला के हंगरंग घाटी में पहली बार पल्लास बिल्ली (ओटोकोलोबस मैनुअल) को देखा है। यह बिल्ली नेचर कंजर्वेशन फाऊंडेशन व हिमाचल प्रदेश वन्य जीव विंग द्वारा संयुक्त रूप से लगाए गए कैमरे में कैद हुई है। बिल्ली की इस प्रजाति को किन्नौर जिला में 3 अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए कैमरों में कैद किया गया है। पल्लास बिल्ली अपनी शर्मीली व मायावी प्रकृति के लिए प्रसिद्ध है। किन्नौर में नेचर कंजर्वेशन फाऊंडेशन के सहयोग से हिमाचल प्रदेश वन्य जीव विंग ने संयुक्त रूप से कैमरा लगाया है। विभाग हिमाचल प्रदेश में वन्य जीव आबादी की निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप तकनीक का उपयोग करके सर्वेक्षण कर रहा है। हिमाचल प्रदेश वन्य जीव विंग के पीसीसीएफ वन्य जीव एवं सह-मुख्य वन्य जीव वार्डन अमिताभ गौतम ने कहा कि हंगरंग घाटी में पल्लास बिल्ली की खोज विभाग के लिए एक उपलब्धि से कम नहीं है। यह खोज विभाग हंगरंग क्षेत्र की जैव विविधता को समझने और संरक्षित करने में सहयोगी होगी। उन्होंने बताया कि कैमरा ट्रैप में पल्लास बिल्ली के साथ-साथ अन्य दुर्लभ और लुप्त प्राय प्रजातियों जैसे हिम तेंदुए, सामान्य तेंदुए, स्टोन मार्टन आदि भी दिखे हैं, जिसका डाटा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हंगरंग घाटी में पल्लास बिल्ली के दिखने से वैज्ञानिकों को उसके अध्ययन का और मौका मिलेगा।

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