Edited By Vijay, Updated: 26 Feb, 2021 12:17 AM
नगर निगम चुनाव में वार्ड आरक्षण रोस्टर को न्यायालय में चुनौती दी गई है। वार्ड आरक्षण रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण न दिए जाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 10 मार्च तक सरकार को...
पालमपुर (भृगु): नगर निगम चुनाव में वार्ड आरक्षण रोस्टर को न्यायालय में चुनौती दी गई है। वार्ड आरक्षण रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण न दिए जाने को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 10 मार्च तक सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए हैं। नगर निगम चुनाव को लेकर याचिकाकर्ता गुरुदेव ने वार्ड आरक्षण रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग को रोस्टर में शामिल नहीं किए जाने को लेकर चुनौती दी है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एवं पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने बताया कि म्यूनिसिपल एक्ट 1994 में प्रावधान है कि सरकार चाहे तो वार्ड आरक्षण में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान कर सकती है परंतु नगर निगम चुनावों को लेकर जब वार्ड के आरक्षण की प्रक्रिया की गई उसमें अन्य पिछड़ा वर्ग को शामिल नहीं किया गया जिसके चलते नगर निगम चुनाव में वार्ड आरक्षण रोस्टर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई भी वार्ड आरक्षित नहीं किया जा सका है।
अधिवक्ता विनय शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बैंच में याचिका की सुनवाई के पश्चात 10 मार्च तक सरकार को अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने मेयर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के प्रावधान का निर्णय लिया है। जानकारी अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को इस अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर एक रिप्रैजैंटेशन भी दी है। विदित रहे कि प्रदेश में धर्मशाला नगर निगम के अतिरिक्त नवगठित पालमपुर, सोलन व मंडी नगर निगम के चुनाव कुछ समय में होने जा रहे हैं। इन चुनाव को लेकर वार्ड आरक्षण रोस्टर जारी किया जा चुका है।