Edited By Vijay, Updated: 10 Sep, 2024 09:37 PM
ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश न होने पर प्रदेश के प्रधान सचिव उद्योग और प्रधान मुख्य वन संरक्षक पर 10-10 हजार की कॉस्ट लगी।
शिमला (ब्यूरो): ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश न होने पर प्रदेश के प्रधान सचिव उद्योग और प्रधान मुख्य वन संरक्षक पर 10-10 हजार की कॉस्ट लगी। दिनांक 09.08.2024 के आदेशों के तहत प्रधान सचिव उद्योग और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को ट्रिब्यूनल के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन वे दोनों उपस्थित नहीं हुए और उन्होंने ट्रिब्यूनल के दिनांक 09.08.2024 के आदेशों की अवहेलना की। ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट किया कि तथ्यों और परिस्थितियों में यह उपयुक्त मामला है कि सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत अगली तारीख पर ट्रिब्यूनल के समक्ष उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया जाए।
हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार की ओर से उपस्थित वकील के आग्रह पर दोनों अधिकारियों को ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित होने का अंतिम अवसर दिया गया। प्रत्येक अधिकारी को 10,000/- रुपए की कॉस्ट की राशि का भुगतान करने के आदेश जारी किए। मामले को 19.09.2024 को आगे विचार के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
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