Edited By Ekta, Updated: 08 Oct, 2019 01:22 PM
हिमाचल के हमीरपुर जिला में इस बार दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाएगा। शहर के लोगों को दशहरा देखने के लिए शहर से दूर समताना, सुजानपुर या नादौन का रूख करना पड़ेगा। हमीरपुर नगर में दशहरा उत्सव न होने से लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंची है। लोगों में इसके प्रति...
हमीरपुर (अरविंदर): हिमाचल के हमीरपुर जिला में इस बार दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाएगा। शहर के लोगों को दशहरा देखने के लिए शहर से दूर समताना, सुजानपुर या नादौन का रूख करना पड़ेगा। हमीरपुर नगर में दशहरा उत्सव न होने से लोगों की आस्था को भी ठेस पहुंची है। लोगों में इसके प्रति गहरा रोष व्याप्त है। बता दें कि हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों के खेल मैदान में अन्य गतिविधियों पर पूर्णतया रोक लगाई है, जिस कारण इस बार भी लगातार दूसरे वर्ष दशहरा पर्व के कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाएगा। इससे पहले हर साल दशहरा उत्सव सीनियर सेकेंडरी बाल स्कूल के खेल मैदान में धूमधाम से मनाया जाता रहा है।
पिछले दो साल से हमीरपुर नगर में दशहरा के मौके पर पुतले का दहन नहीं किए जाने से दशहरा पर्व की रौनक फीकी हो रही है। ऐसा पिछले 15 वर्ष के इतिहास में लगातार दूसरी बार हो रहा है। इस बार हाईकोर्ट से केवल रामलीला के लिए ही स्कूल ग्राउंड का एक कोना प्रयोग करने की अनुमति मिल पाई है। इस बारे में नगर परिषद हमीरपुर के उपाध्यक्ष तथा दशहरा मेला आयोजन कमेटी के प्रमुख कर्णधार रहे दीप कुमार बजाज का कहना है कि नगर में व्यापारी एवं शहरवासी मिलकर पिछले 15 वर्षों से लगातार दशहरा उत्सव एवं पुतला दहन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि दो वर्षों से यह परंपरा टूटी है। उन्होंने कहा कि नगरवासियों को इस परंपरा को चलाने के लिए आगे आना चाहिए, ताकि नई पीढ़ी का रुझान हिंदू संस्कारों, पर्वों एवं त्योहारों को मनाने के प्रति बरकरार रहे।