Edited By Rahul Singh, Updated: 07 Aug, 2024 02:49 PM
राजधानी शिमला में बारिश से भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने घरों के बाहर तिरपाल लगा दिए हैं। शहर के कृष्णानगर इलाके में पहले से ही कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं। यहां पर तिरपाल घरों के चाहर लोगों ने डाल दिए हैं,...
शिमला (वेदना): राजधानी शिमला में बारिश से भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। लोगों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने घरों के बाहर तिरपाल लगा दिए हैं। शहर के कृष्णानगर इलाके में पहले से ही कई मकान खतरे की जद में आ गए हैं। यहां पर तिरपाल घरों के चाहर लोगों ने डाल दिए हैं, जबकि कई मकान असुरक्षित थे, उन्हें खाली करवा दिया गया है। बारिश से भूस्खलन होने और खतरनाक पेड़ों के गिरने का खतरा बना हुआ है। शहर के सांगठी क्षेत्र में बीते दिनों भूस्खलन होने से कई मकान खतरे में है, यहां पर जमीन धंसने से बहुमंजिला भवन खतरे में आ गए हैं।
लोगों ने इन मकानों को खाली कर दिया है। कवर भी कर दिया गया है, लेकिन अभी भी मकानों के लिए खतरा बना हुआ है। करीब 5 से ज्यादा मकान खतरे की जद में हैं, जिन्हें प्रशासन ने खाली करवा दिया है। लोगों ने अपना सामान भी यहां से शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा पंधाघाटी के पास भी बीते दिनों हुए भूस्खलन से कई मकानों पर खतरा बना हुआ है। नगर निगम प्रशासन ने बारिश के अलर्ट को लेकर शहर के लोगों से सतर्क व सुरक्षित रहने की अपील की है।
प्रशासन ने भवन निर्माण को लेकर खुदाई नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं। प्रशासन ने साफ कहा है कि प्लॉट सीधा करने के लिए जे.सी.बी. का प्रयोग नहीं होगा। भवन मालिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि खुदाई करने से आसपास के मकानों को खतरा न हो। इन सभी को देखते हुए ही भवन निर्माण करें। निगम प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर ही अपने वाहनों को पार्क करने की अपील की है। शिमला में भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से अब तक दर्जनों वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।