जल शक्ति विभाग में अब आऊटसोर्स आधार पर नहीं होंगी भर्तियां : मुकेश अग्निहोत्री

Edited By Vijay, Updated: 28 Mar, 2023 09:34 PM

deputy cm mukesh agnihotri in assembly

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब जल शक्ति विभाग में आऊटसोर्स आधार पर भर्तियां नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक नीति के तहत विभाग में 5 हजार पदों की भर्ती करेगी ताकि भविष्य में ये लोग सरकारी कर्मचारी बन सकें।

शिमला (राक्टा): उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार अब जल शक्ति विभाग में आऊटसोर्स आधार पर भर्तियां नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार एक नीति के तहत विभाग में 5 हजार पदों की भर्ती करेगी ताकि भविष्य में ये लोग सरकारी कर्मचारी बन सकें। डिप्टी सीएम मंगलवार को विधानसभा में जल शक्ति विभाग से संबंधित विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग में आधा दर्जन बंद किए गए कार्यालयों को खोल दिया है और शेष कार्यालयों को बंद करने के निर्णय की पुन:समीक्षा कर इस संबंध में एक कार्ययोजना मंत्रिमंडल में ले जाई जाएगी और सभी जरूरी कार्यालयों को फिर से खोलने का प्रयास होगा। बाद में सदन ने विपक्ष द्वारा अपने कटौती प्रस्तावों को वापस नहीं लिए जाने पर इन्हें ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया।

क्लीनवेज कंपनी को नहीं दिया जाएगा भर्तियां करने का ठेका  
डिप्टी सीएम ने कहा कि विभाग में पहले से आऊटसोर्स में लगे लोगों का क्या करना है, बाद में देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग में ये भर्तियां पूर्व सरकार द्वारा घोषित 8370 भर्तियों के अलावा होंगी क्योंकि इन भर्तियों को सरकार ने अभी रद्द नहीं किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार क्लीनवेज कंपनी को भर्तियां करने का कोई ठेका नहीं देगी। अग्निहोत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग की 1439 पेयजल योजनाएं प्रगति पर हैं और उन्हें तेजी से पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि पीने के पानी की कमी को दूर किया जा सके। 

न टैंडर प्रक्रिया बंद हुई, न ही भुगतान रोका
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में नल लगाने का कार्य अब बहुत हो गया। अब सरकार सिंचाई पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग में विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए टैंडर की प्रक्रिया बदली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग में न कोई टैंडर प्रक्रिया बंद की है और न ही कोई भुगतान रोका गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने विभाग में चुनावी वर्ष में जो इरिगेशन विंग बनाया है, उसे मौजूदा सरकार ने मई माह तक जारी रखने को मंजूरी दी है। 

पंजाब और हरियाणा का विरोध राजनीतिक 
अग्निहोत्री ने कहा कि वाटर सैस के मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा का विरोध पूरी तरह से राजनीतिक है। उन्होंने इस विरोध को पंजाब और हरियाणा की अपने अधिकारों के लिए मजबूरी भी करार दिया और कहा कि हिमाचल को पंजाब पुनर्गठन कानून में मिला 7.19 फीसदी हिस्सा हिमाचल का हक है, कोई खैरात नहीं। उन्होंने कहा कि हमने हिमाचल की सीमा के भीतर वाटर सैस लगाया है। उन्होंने वाटर सैस की लड़ाई को लंबी लड़ाई करार दिया और कहा कि हम इसके लिए लड़ेंगे और विपक्ष का भी सहयोग लेंगे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पंजाब पुनर्गठन के समय हुए बंटवारे में हिमाचल के साथ अन्याय हुआ है। 

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