ऐसा शिवलिंग जिस पर 12 साल में एक बार गिरती है बिजली, कहलाते हैं बिजली महादेव

Edited By Vijay, Updated: 12 Jun, 2021 09:02 PM

such a shivling on which lightning falls once in 12 years

हमारे देश में कई शिवालय हैं। शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां शिवालय न हो। संभवत: हर गांव में शिवालय है। यही कारण है कि भारत एक शिवालयों का देश है। इन शिवालयों में भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है।

कुल्लू (दिलीप): हमारे देश में कई शिवालय हैं। शायद ही ऐसा कोई गांव होगा जहां शिवालय न हो। संभवत: हर गांव में शिवालय है। यही कारण है कि भारत एक शिवालयों का देश है। इन शिवालयों में भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है। हर शिवलिंग की स्थापना के पीछे कई कथा-कहानी है लेकिन आज हम ऐसे शिवलिंग की कहानी बताने जा रहे हैं, जिस पर 12 साल में एक बार बिजली गिरती है। यही कारण है कि इस शिवलिंग को बिजली महादेव के नाम से जाना जाता है।
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कहां हैं बिजली महादेव का मंदिर

बिजली महादेव का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। यहां पर पार्वती और ब्यास नदी का संगम भी है।
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क्या है मान्यता

मान्यता है कि यहां की विशालकाय घाटी सांप के रूप में है, जिसका वध महादेव द्वारा किया गया था। मान्यता के अनुसार भगवान शिव की आज्ञा लेकर ही 12 साल बाद भगवान इंद्र बिजली गिराते हैं। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खंडित हो जाता है, उसके बाद यहां के पुजारियों द्वारा खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है।

क्या है इसके पीछे की कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार इस घाटी में कुलान्त नाम का एक दैत्य रहता था जो बहुत ही मायावी था। एक बार उसने सभी जीवों को मारने की लिए ब्यास नदी को रोक दिया। कहा जाता है कि दैत्य के इस रवैये से महादेव क्रोधित हो गए और उन्होंने इस दैत्य को मारने का मन बना लिया। कहा जाता है इसके लिए भगवान शिव ने भी एक माया रची और उसी माया के अनुसार भगवान शिव दैत्य के पास गए और कहा कि आपकी पूंछ में आग लग गई है। जैसे ही दैत्य पूंछ देखने के लिए पीछे मुड़ा, भगवान शिव ने अपने त्रिशुल से दैत्य के सिर पर वार कर दिया और इस तरह कुलान्त मारा गया। कहा जाता है कि उसके विशालकाय शरीर एक पहाड़ में तब्दील हो गया, जिसे हम कुल्लू के पहाड़ों के नाम से जानते हैं।

क्यों गिरती है बिजली

कथा के अनुसार जब भगवान शिव ने कुलान्त दैत्य को मार दिया ताे उसके बाद उन्होंने इन्द्रदेव से कहा कि वे 12 साल में एक बार यहां बिजली गिराएं। बिजली गिरने से शिवलिंग टूट जाता है, जिसे यहां के पूजारियों द्वारा इसे मक्खन से ठीक कर दिया जाता है, जो बाद में कठोर हो जाता है।

शिवलिंग पर ही क्यों गिरती है बिजली

कथा के अनुसार भगवान शिव अपने ऊपर बिजली इसलिए गिराते हैं ताकि जन-धन की हानि न हो। कहा जाता है कि भगवान शिव खुद बिजली के झटके को सहन करते हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं।

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