Edited By Simpy Khanna, Updated: 08 Aug, 2019 12:14 PM
श्रावण अष्टमी के चलते भगतों में काफी उत्साह देखने को मिला। विश्व विख्यात श्री ज्वालामुखी मंदिर में श्रावण अष्टमी नवरात्रों के आठवें दिन महागौरी माता के रूप में ज्वाला मां का पूजन किया गया। इस दिन हजारों श्रद्धालुओं ने की पवित्र ज्योतियों के दर्शन...
ज्वालामुखी(पंकज): श्रावण अष्टमी के चलते भगतों में काफी उत्साह देखने को मिला। विश्व विख्यात श्री ज्वालामुखी मंदिर में श्रावण अष्टमी नवरात्रों के आठवें दिन महागौरी माता के रूप में ज्वाला मां का पूजन किया गया। इस दिन हजारों श्रद्धालुओं ने की पवित्र ज्योतियों के दर्शन किए लाईनों में लग कर किए और मा का शुभ आशीवाद प्राप्त किया और महिलाओं ने अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए मां को चुनरी भेंट की।नवरात्रों में अष्टमी पूजन में ज्वाला मां हलवें और पूरी का भोग लगाया जाता है और बाद में कन्या पूजन किया जाता है। महागौरी के के एक हाथ में त्रिशूल, दूसरा हाथ अभय मुद्रा में, तीसरे में डमरू और चौथा हाथवर मुद्रा में है। मां गौरी का वाहन बैल है।
पौराणिक कथा
कहा जाता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से खुश होकर भगवान ने महागौरी को स्वीकार कर लिया और इनके शरीर को गंगा जल से धो दिया। तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो गई तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं।
पुजारी अविनेंद्र शर्मा के कहा आज सुबह से ही हजारों श्रद्धालु ज्वाला माँ की पवित्र ज्योतियों के दर्शन के लिए लाइनों में लग कर ज्वाला माँ के जयकारे लगा रहे है । श्रद्धालु ने कहा की हम हर साल पंजाब से आते है ज्वाला माँ के मंदिर में नवरात्रों में ज्वाला माँ अपने सब भक्तों की मनोकामनाए पूरी करती है और उन्होंने कहा की मंदिर प्रशासन का इंतजाम भी बिलकुल ठीक है उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी प्रबंध किए हुए थे । यूपी से आए हुए श्रद्धालु ने वताया की ज्वालामुखी मंदिर में नवरात्रों में आए हुए है प्रशासन का बहुत अच्छा इंतजाम है सभी श्रद्धालुओं को लाइनों में दर्शन कर वे जा रहे है |