Edited By Vijay, Updated: 03 Feb, 2020 04:09 PM
शिमला जिला के ठियोग उपमंडल के देहा थाना क्षेत्र से गायब हुए जुब्बल के शुभम का मामला दिन-प्रतिदिन प्रदेश सरकार के लिए उलझनें पैदा कर रहा है। 30 नवम्बर की रात से गायब शुभम हर किसी के लिए एक पहेली से कम नहीं है। जिस तरीके से शुभम लापता हुआ है वो अपने...
ठियोग (सुरेश): शिमला जिला के ठियोग उपमंडल के देहा थाना क्षेत्र से गायब हुए जुब्बल के शुभम का मामला दिन-प्रतिदिन प्रदेश सरकार के लिए उलझनें पैदा कर रहा है। 30 नवम्बर की रात से गायब शुभम हर किसी के लिए एक पहेली से कम नहीं है। जिस तरीके से शुभम लापता हुआ है वो अपने आप में एक रहस्य बना है। अपने दोस्तों के साथ देहा के जंगलों में घूमने निकला शुभम यूं गुम हुआ कि उसके साथ गए दोस्तों को भी पता नहीं चला।
लापता शुभम के मामले में पुलिस ने उसके साथी पुनीत को भी 10 दिन तक रिमांड पर रखकर पूछताछ की लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ खाली हैं। 2 महीने की जद्दोजहद के बाद रविवार को शिमला के एसपी उमापति जम्वाल ने खुद मोर्चा संभाला। इस दौरान 5 उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में 100 पुलिस के जवानों सहित 10 एसडीआरएफ के जवान भी लापता शुभम की तलाश में जुटे।
शुभम की तलाशी के लिए चलाए गए इस महा अभियान में स्थानीय लोगों की भी मदद ली गई लेकिन सब खाली हाथ शाम को वापस लौट आए। एसपी शिमला ने इस दौरान स्थानीय लोगों से बातचीत की और शुभम के दोस्तों से भी पूछताछ की लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस के जवानों ने पहाड़, जंगल, नदी-नालों और खंडहर रास्तों पर तलाशी अभियान चलाया लेकिन सब निराश होकर शाम को खाली हाथ वापस लौट आए।
बता दें कि शुभम 30 नवम्बर, 2019 को देहा थाना क्षेत्र के तहत धार के जंगल से रहस्यमी तरीके से लापता हो गया था। वह दोस्तों के साथ एक रैली में गया था लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा। शुभम के लापता होने का मामला पुलिस के गले की फांस बनता जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले का संज्ञान लिया लेकिन अभी तक लापता शुभम को कोई सुराग नहीं मिला है। शुभम के गायब होने से परिजनों का बुरा हाल है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की मांग की है।