Edited By Vijay, Updated: 27 Jun, 2024 04:53 PM
प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में दिव्यांग छात्रों से फीस और फंड वसूले जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग ने मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी स्कूल प्रमुखों को दिव्यांग छात्रों से फीस और अन्य किसी भी तरह के फंड न वसूलने के निर्देश दिए हैं।
शिमला (प्रीति): प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में दिव्यांग छात्रों से फीस और फंड वसूले जा रहे हैं, ऐसे में शिक्षा विभाग ने मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी स्कूल प्रमुखों को दिव्यांग छात्रों से फीस और अन्य किसी भी तरह के फंड न वसूलने के निर्देश दिए हैं। दिव्यांग के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम, 2016 में निर्धारित प्रावधानों के बावजूद उक्त छात्रों से शिक्षण संस्थानों में अभी भी फीस और अन्य निधि वसूली जा रही है, जो अधिनियम के विपरीत है। हालांकि सरकार की ओर से विशेष आवश्यकता वाले बच्चे जो 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं, उन्हें 12वीं कक्षा तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने की मंजूरी दी गई है। ऐसे में उक्त छात्रों से किसी भी तरह का शुल्क या धनराशि का भुगतान करने में छूट दी गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा उपनिदेशकों को अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा है। इसके तहत स्कूलों में 12वीं कक्षाओं तक 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले विशेष रूप से सक्षम छात्रों से कोई शुल्क या धनराशि नहीं ली जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से स्कूलों को ये निर्देश जारी किए गए हैं।
स्कूलों को देनी होगी रिपोर्ट
इस दौरान शिक्षा विभाग ने मामले पर स्कूलों से रिपोर्ट भी मांगी है। स्कूलों को एक सप्ताह के भीतर यह रिपोर्ट देनी होगी। इसमें बताना होगा कि स्कूलों में ऐसे कितने छात्र हैं, जिन्हें नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। विभाग ने स्पष्ट कहा है कि इसके बाद भी यदि मामले में शिकायतें आती हैं तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
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