Edited By Vijay, Updated: 06 Mar, 2024 10:32 PM
हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल भर्ती की शारीरिक दक्षता से लेकर मेडिकल तक करवाने की प्रक्रिया पुलिस विभाग ही पूरी करवाएगा और इसके लिए अभ्यर्थियों का डोप टैस्ट अनिवार्य होगा।
शिमला (संतोष): हिमाचल में पुलिस कांस्टेबल भर्ती की शारीरिक दक्षता से लेकर मेडिकल तक करवाने की प्रक्रिया पुलिस विभाग ही पूरी करवाएगा और इसके लिए अभ्यर्थियों का डोप टैस्ट अनिवार्य होगा। प्रदेश सरकार के गृह सचिव डाॅ. अभिषेक जैन ने हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग कांस्टेबल भर्ती संशोधन नियम-2024 की अधिसूचना जारी कर दी है। यदि इन संशोधनों में संभाव्य प्रभावित होने वाले किसी भी व्यक्ति को इन नियमों के बारे में कोई आपत्ति या सुझाव है तो वह इसे ई-गजट में प्रकाशन की तारीख से 15 दिनों के भीतर गृह सचिव के पास इन्हें दायर कर सकता है। निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त हुए सुझावों व आपत्तियों को सरकार द्वारा उक्त नियमों को अंतिम रूप देने से पहले उन पर विचार किया जाएगा।
नियम-10 के तहत किए गए संशोधन में पुलिस विभाग द्वारा कांस्टेबलों की भर्ती के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षण के आरंभ में मादक पदार्थों का सेवन का पता लगाने के लिए डोप टैस्ट परीक्षण किया जा सकेगा। नियम 11 के संशोधन में शारीरिक मानक परीक्षण व शारीरिक दक्षता परीक्षण तथा कांस्टेबल पद के लिए पात्रता व एनसीसी प्रमाण पत्रों के लिए अंक प्रदान करने से संबंधित दस्तावेजों की जांच पुलिस विभाग द्वारा की जाएगी। नियम 14 के संशोधन के तहत चयनित अभ्यर्थियों के लिए चिकित्सा परीक्षण की प्रक्रिया भी पुलिस विभाग द्वारा पूरी की जाएगी। नियम-8 के संशोधन के तहत सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा की गणना उस वर्ष के प्रथम दिन की जाएगी, जिसमें पदों को आवेदन आमंत्रित करने के लिए यथास्थिति विज्ञापित किया गया है या नियोजनालयों को अधिसूचित किया गया है।
नियम-7 में संशोधन करते हुए इसमें खेल कोटा की रिक्तियों के लिए अध्यपेक्षा को पुलिस महानिदेशक पुलिस सेवाएं एवं खेल विभाग के नाम प्रायोजित करने के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिला के लिए पदों की संख्या विनिर्दिष्ट की जाएगी और नामों को तदनुसार प्रायोजित किया जाएगा। नियम-15 के संशोधन के तहत चयनित अभ्यर्थी जो अस्थायी रूप से चयनित किए गए हैं, के चरित्र और पूर्ववृत्त का सत्यापन संबद्ध जिला पुलिस के माध्यम से पुलिस विभाग द्वारा किया जाएगा लेकिन ऐसे सत्यापन के लंबित होने के कारण नियुक्त पत्र जारी करने की प्रक्रिया नहीं रोकी जाएगी। नियुक्ति प्राधिकरण उम्मीदवार से भरा हुआ और विधिवत हस्ताक्षरित सत्यापन फार्म और स्व-घोषणा प्राप्त करने के लिए अंतिम नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। यदि किसी उम्मीदवार को अदालत में दोषी ठहराया गया पाया जाता है तो आवेदक, उम्मीदवार को अपराध की प्रकृति और सजा की अवधि के बावजूद नियुक्ति की पेशकश नहीं की जाएगी।
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