Edited By Vijay, Updated: 30 Jun, 2023 12:19 AM
लगघाटी के भालठा गांव के आराध्य देवता भालठी नारायण ने भुंतर के जिया में ब्यास और पार्वती के संगम स्थल पर शाही स्नान किया। इस अवसर पर हारियानों ने भी देवता के साथ डुबकी लगाई।
कुल्लू (दिलीप): लगघाटी के भालठा गांव के आराध्य देवता भालठी नारायण ने भुंतर के जिया में ब्यास और पार्वती के संगम स्थल पर शाही स्नान किया। इस अवसर पर हारियानों ने भी देवता के साथ डुबकी लगाई। बताया जा रहा है कि 30 दिन के बाद भालठा में देवता भालठी नारायण के प्रांगण में 30 सालों के बाद काहिका उत्सव मनाया जा रहा है, जिसको लेकर देवता के नए आभूषण बनाए गए हैं, जिन्हें शुद्ध करने के लिए देवता ने शाही स्नान करने की हामी भरी थी।
शाही स्नान करने से देवता में पुन: लौट आती हैं शक्तियां
बताया जाता है कि शाही स्नान करने के बाद देवता में पुन: शक्तियां लौट आती हैं। देवता के कारदार चमन लाल ठाकुर ने बताया कि 30 वर्षों के बाद काहिका का आयोजन किया जा रहा है। देवता की मान्यता है कि वह अकेले ही काहिका का आयोजन करते हैं। काहिका का आयोजन सावन महीने में 30 दिनों के बाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेले के 8 दिन पहले देवते के लिए ध्वजा लाई जाएगी और उसे मेले के दिन सुबह स्थापित किया जाएगा। इससे पहले 2015 में देवता शाही स्नान के लिए यहां पर आए थे।
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