Edited By Vijay, Updated: 15 May, 2020 11:21 PM
बेशक बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों को रेल के माध्यम से प्रदेश में पहुंचाकर सरकार बड़ा काम कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि कुछ एक प्रशासनिक अधिकारियों की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों की वजह से समाज में भय का माहौल पैदा हो रहा है। शुक्रवार को ज्वालामुखी...
ज्वालामुखी (नितेश): बेशक बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों को रेल के माध्यम से प्रदेश में पहुंचाकर सरकार बड़ा काम कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि कुछ एक प्रशासनिक अधिकारियों की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों की वजह से समाज में भय का माहौल पैदा हो रहा है। शुक्रवार को ज्वालामुखी में एक ऐसा ही वाकया पेश आया जिसकी वजह से कुछ देर के लिए शहर में हड़कंप मच गया। बुधवार को कर्नाटक के बेंगलुरू से ऊना के लिए चली स्पैशल ट्रेन में हिमाचलियों की घर वापसी हुई थी। ट्रेन से उतरने के बाद हर जिला से संबंधित व्यक्तियों को अलग-अलग संस्थागत क्वारंनटाइन केंद्रों में रखने की व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई थी। ज्वालामुखी के गीता भवन व अग्रवाल ट्रस्ट धर्मशाला में कुल 97 लोगों को क्वारंटाइन किया जाना था।
व्यवस्था के अनुसार कोलोहा चैक पोस्ट से पुलिस द्वारा गिनती कर 97 लोग ज्वालामुखी स्थित संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों के लिए रवाना किए गए। 2 दिन बीत जाने के बाद भी ज्वालामुखी प्रशासन को इस बात की सही जानकारी नहीं थी कि यहां पर 97 लोग ठहराए गए हैं या इससे अधिक। जानकारी के अनुसार प्रशासन के पास बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों की प्रशासन ने जो सूची तैयार की है उसके अनुसार ज्वालामुखी के क्वारंटाइन केंद्रों में 102 लोग ठहराए गए जबकि वास्तविक स्थिति ये थी कि आए हुए लोगों की संख्या 97 थी।
शुक्रवार को प्रशासन की एक बड़ी चूक के कारण उस समय हड़कंप मच गया जब शहर में ये बात आग की तरह फैल गई कि संस्थागत क्वारंनटाइन केंद्र से 5 लोग प्रशासन द्वारा बनाई गई सूची के मुताबिक कम पाए गए हैं। प्रशासन की सूची के अनुसार जब व्यक्तियों का एक-एक करके आवाज लगाकर मिलान करने लगे तो वहां पर 97 लोगों की ही हाजिरी लग रही थी। जब सूची को सामने रखकर गिनती की गई तो चूक निकलकर सामने आ गई जिसमें 30 की क्रम संख्या के बाद सीधे 36 क्रम संख्या से बाहर से आए हुए लोगों का पंजीकरण किया गया था।
एसडीएम ने प्रशासन की किसी तरह की चूक होने की बात को नकारते हुए कहा कि ऐसा कोई मामला उनके ध्यान में नहीं आया है और न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी है। यदि किसी प्रकार की कोई चूक हुई है तो वह उसका पता कर लेंगे।