Edited By Ekta, Updated: 27 Oct, 2019 03:30 PM
दिवाली के त्योहार पर हिमाचल के विश्व विख्यात शक्तिपीठ नयना देवी में शतचंडी महायज्ञ किया गया। मंदिर में यह शतचंडी महायज्ञ दो दिन तक चलता है। इस महायज्ञ में 100 से ज्यादा पुजारी दिन-रात हवन करते हैं। यह हवन यज्ञ विश्व शांति के लिए भाईचारे के लिए कई...
बिलासपुर (मुकेश): दिवाली के त्योहार पर हिमाचल के विश्व विख्यात शक्तिपीठ नयना देवी में शतचंडी महायज्ञ किया गया। मंदिर में यह शतचंडी महायज्ञ दो दिन तक चलता है।
इस महायज्ञ में 100 से ज्यादा पुजारी दिन-रात हवन करते हैं। यह हवन यज्ञ विश्व शांति के लिए भाईचारे के लिए कई वर्षों से किया जाता है। साथ ही दिवाली के शुभ अवसर पर मंदिर में नयना देवी मंदिर में स्थित प्राचीन हवन कुंड में आहुतियां डाली जाती हैं।
मंदिर में स्तिथ जिस हवन कुंड में हवन होता है। इस कुंड की विशेषता यह है कि इसमें जितना भी हवन करते जाओ शेष राख बाहर नहीं निकालनी पड़ती। इसके अंदर ही समा जाती है।
यह दुनिया का पहला हवन कुंड है, जो ज्वलंत है जिसमें से शेष निकालने की जरूरत नहीं रहती और सभी पुजारी मिलकर दीपावली के उपलक्ष्य पर विश्व शांति भाईचारे के लिए और श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए हवन यज्ञ करते हैं।