स्कूल में यौन शोषण हुआ तो स्कूल प्रबंधन पर होगी कार्रवाई

Edited By Simpy Khanna, Updated: 22 Jan, 2020 10:38 AM

school management

शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलोंं और कॉलेजों को पोक्सो एक्ट 2012 की गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत स्कूल परिसर या स्कूल बस में छात्राओं के यौन शोषण का मामला सामने आता है तो ऐसे में स्कूल प्रबंधन पर गाज गिरेगी। पोक्सो एक्ट 2012 के सैक्शन-19 के सब सैक्शन...

शिमला (ब्यूरो): शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलोंं और कॉलेजों को पोक्सो एक्ट 2012 की गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत स्कूल परिसर या स्कूल बस में छात्राओं के यौन शोषण का मामला सामने आता है तो ऐसे में स्कूल प्रबंधन पर गाज गिरेगी। पोक्सो एक्ट 2012 के सैक्शन-19 के सब सैक्शन (1) के तहत स्कूल प्रबंधन पर यह कार्रवाई होगी। इसके अलावा इस गाइडलाइंस में विद्यार्थियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन पर होगी। ऐसे में यदि स्कूल प्रशासन मामले पर कोताही बरतता है, तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई तय है। इसके साथ ही यदि स्कू ल प्रबंधन ऐसे मामलों को छुुपाने का प्रयास करता है तो भी उस पर गाज गिरेगी। 

स्कूलों में सत्र शुरू होते ही गठित होगी बाल यौन शोषण कमेटी

शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही बाल यौन शोषण कमेटी गठित करने को कहा है। यह कमेटी यौन शोषण के संबंध में आई शिकायतों का समाधान करेगी। गाइडलाइन के तहत शिक्षण संस्थानों में इससे संबंधित शिकायतों के लिए शिकायत बॉक्स लगाने को भी कहा है, जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी शिकायतें दे सकती हैं। इसके साथ संस्थानों में सुझाव बॉक्स भी अनिवार्य किए गए हैं। इसके साथ ही संस्थानों में काऊंसङ्क्षलग सैशन व जागरूकता कार्यक्रम, नैतिक शिक्षा पर लैक्चर देेने को कहा गया है। शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों को गाइडलाइन लागू करने के साथ ही 15 दिन में इसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट भी निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए हैं।

शिकायत आने पर आरोपी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करवाए स्कूल प्रबंधन

शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों और कालेजों को जारी की गई पोक्सो एक्ट 2012 की गाइडलाइंस के मुताबिक ऐसे मामले सामने आने पर स्कूल प्रबंधन को आरोपी के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने को कहा गया है। इसके बाद स्कूल प्रबंधन को यह जानक ारी जिला शिक्षा उप निदेशक को देनी होगी और वह यह सूचना निदेशक शिक्षा विभाग को देगा। इस मामले में यदि शिक्षक या स्कूल के स्टाफ का कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो जिला उपनिदेशक उसे तुरंत प्रभाव से निष्कासित कर सकता है। शिक्षा विभाग ने स्कूलों-कालेजों को पोक्सो एक्ट से संबंधित जानकारी शिक्षकों को देने को कहा है। इसके लिए शिक्षण संस्थान परिसर में विशेषज्ञों का लैक्चर भी करवा सकते हैं।
 

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