Edited By Ekta, Updated: 28 Jul, 2019 11:14 AM
राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश मंत्रिमंडल की सिफारिश पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके तहत मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त के बीच होगा, जिसमें 11 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान 2 दिन गैर-सरकारी सदस्य कार्य...
शिमला (कुलदीप): राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश मंत्रिमंडल की सिफारिश पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके तहत मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त के बीच होगा, जिसमें 11 बैठकें होंगी। सत्र के दौरान 2 दिन गैर-सरकारी सदस्य कार्य दिवस के लिए निर्धारित किए गए हैं। आगामी विधानसभा उपचुनाव से पहले हो रहे सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। इस दौरान प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने, ग्लोबल इन्वैस्टर मीट, अवैध खनन के बढ़ते मामले, कानून व्यवस्था, नशे के बढ़ते कारोबार और बरसात से हुए नुक्सान जैसे मामलों के सदन में गूंजने की पूरी संभावना है। हालांकि पहले दिन की कार्यवाही शोकोद्गार के साथ शुरू होगी, जिसमें विधानसभा के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सत्र से एक दिन पहले पक्ष-विपक्ष विधायक दल की बैठकें होने की संभावना है, जिसमें दोनों दल रणनीति तय करेंगे। सत्र के दौरान सुरक्षा का घेरा कड़ा रहेगा, जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष जल्द पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। विधानसभा सचिवालय में ई-प्रवेश पत्र के साथ ही प्रवेश मिलेगा। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अपने पहचान पत्र प्रमुखता से प्रदर्शित करने होंगे।
सदन में बैठने की व्यवस्था बदलेगी
विधानसभा सत्र में इस बार बैठने की व्यवस्था बदल जाएगी। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से पूर्व मंत्री किशन कपूर और पूर्व विधायक सुरेश कश्यप लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद बने हैं। इसी तरह भाजपा टिकट से विधानसभा चुनाव जीते अनिल शर्मा अपने बेटे आश्रय शर्मा को मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस से टिकट मिलने के कारण मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। यानी सत्तापक्ष में नए सिरे से मंत्रियों से लेकर विधायकों के बैठने का विधानसभा में प्रावधान रहेगा।