Edited By Vijay, Updated: 12 Oct, 2019 09:15 PM
आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों के एक पक्ष ने अब मोर्चा खोल दिया है। शनिवार शाम के समय सुरक्षा कर्मियों ने काम करना बंद कर दिया है और 150 सुरक्षा कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं।
शिमला: आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों के एक पक्ष ने अब मोर्चा खोल दिया है। शनिवार शाम के समय सुरक्षा कर्मियों ने काम करना बंद कर दिया है और 150 सुरक्षा कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। सुरक्षा कर्मियों ने कहा कि प्रशासन ने हाल ही में सुरक्षा कर्मियों के तबादले किए हैं लेकिन तबादले कुछ इस तरह से किए हैं कि जिन महिला सुरक्षा कर्मियों ने एक महिला के साथ मारपीट की थी उन्हें लक्कड़ बाजार होस्टल भेजा है। वहीं अन्य महिला सुरक्षा कर्मियों को केएनएच भेजा गया है। अब इसमें यह विवाद पैदा हो गया है कि जो मारपीट करने वाली सुरक्षा कर्मी थीं उन्हें केएनएच भेजा जाना चाहिए था लेकिन उन्हें केएनएच की बजाय लक्कड़ बाजार होस्टल भेजा है।
प्रशासन और कंपनियों से सुरक्षा कर्मियों का है ये सवाल
सुरक्षा कर्मियों का प्रशासन और कंपनियों से यह सवाल है कि निर्दोष महिला सुरक्षा कर्मियों को तो केएनएच भेजा जा रहा है और दोषियों को होस्टल में लगाया जा रहा है जबकि दोषी महिला सुरक्षा कर्मियों को केएनएच अस्पताल भेजा जाना चाहिए था। प्रशासन और कंपनी सुरक्षा कर्मियों को गुमराह कर रही है। प्रशासन और कंपनी एक पक्ष में कार्रवाई क्यों कर रही है। सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि जब तक दोषी महिला सुरक्षा कर्मियों को केएनएच नहीं भेजा गया तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे।
प्रशासन ने विवाद के चलते किया है 16 सुरक्षा कर्मियों तबादला
आईजीएमसी में बीते दिनों हुए विवाद के चलते प्रशासन ने 16 सुरक्षा कर्मियों का तबादला किया है। आईजीएमसी में 2 सुरक्षा कर्मियों की आपस में लड़ाई हुई थी, ऐसे में 2 पक्षों में विवाद हो गया था। विवाद कुछ इस तरह से हो गया था कि एक पक्ष का समर्थन सीटू ने किया था। सीटू ने एक पक्ष में आईजीएमसी में एमएस कार्यालय का घेराव भी किया था और उसके बाद सुरक्षा कर्मियों के बीच माहौल गर्मा गया था। बाद में दोनों पक्षों में यह विवाद उठा था कि जिन सुरक्षा कर्मियों के ऊपर आरोप लगे हैं उन्हें आईजीएमसी से ट्रांसफर किया जाए। तभी कंपनी ने भी लड़ाई को कम करने के लिए सुरक्षा कर्मियों के तबादले करने का निर्णय लिया है लेकिन प्रशासन और कंपनी ने एक पक्ष में ही कार्रवाई की है। सुरक्षा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं, ऐसे में अब अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कतें आएंगी। सुरक्षा कर्मी इस संबंध में रविवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी मिलेंगे।