Edited By Simpy Khanna, Updated: 23 Nov, 2019 05:15 PM
शिमला के एक निजी होटल से मजदूरों को निकाले जाने के विरोध में लाल झंडा यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज उपायुक्त कार्यालय के समीप प्रदर्शन किया।निकाले गए होटल कर्मियों ने आज सीटू के बैनर तले हाथों में लाल झंडा लिए होटल प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।...
शिमला (तिलक राज) : शिमला के एक निजी होटल से मजदूरों को निकाले जाने के विरोध में लाल झंडा यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आज उपायुक्त कार्यालय के समीप प्रदर्शन किया।निकाले गए होटल कर्मियों ने आज सीटू के बैनर तले हाथों में लाल झंडा लिए होटल प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सीटू संबंधित होटल मज़दूर लाल झंडा यूनियन ने प्रदर्शन के दौरान निकाले गए मजदूरों की बहाली की मांग की है।
होटल मजदुर लाल झंडा यूनियन के महासचिव विनोद बरसांता ने कहा कि होटल सिसिल से 4 अक्टूबर को 4 मजदूरों को निकाल दिया गया उसके बाद 22अक्टूबर को 28 मजदूरों को निकाल दिया गया। उन मजदूरों का केवल यह दोष था कि मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर संगठन का निर्माण किया,जबकि उन्होंने होटल प्रबन्धन से कोई मांग नही की थी। अपनी मांगों को उठाने के लिए संगठन निर्माण करना कोई गलत नहीं है जिस कारण प्रबन्धन उन्हें कार्य से निकाल दें।
उन्होंने होटल प्रबंधन पर तानाशाह रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रबधन की तानाशाही है कि होटल से मजदूरों को निकाला गया है। जबकि यह मजदूर 1997 से होटल में कार्यरत थे।केवल यूनियन बनाने पर मजदूरों को कार्य से निकालना कोई औचित्य नहीं है। विनोद बरसांता ने होटल प्रबन्धन को चेताते हुए कहा कि निकाले गए मजदूरों को अगर जल्द काम पर वापिस नही लिया गया और जिला प्रशासन अगर इस मामले में कोई कार्रवाई नही करता इस तो लाल झंडा यूनियन मजदूरों को लामबंध कर आने वाले समय मे बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी।