Edited By Ekta, Updated: 15 Sep, 2019 12:50 PM
1,134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना के तहत अब सेब सहित अन्य फलों के पौधे इटली नहीं अमरीका से आयात किए जाएंगे। राज्य सरकार ने परियोजना अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा है। बीते 3 सालों के दौरान इस प्रोजैक्ट के तहत 3 लाख से ज्यादा पौधे...
शिमला (ब्यूरो): 1,134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना के तहत अब सेब सहित अन्य फलों के पौधे इटली नहीं अमरीका से आयात किए जाएंगे। राज्य सरकार ने परियोजना अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने को कहा है। बीते 3 सालों के दौरान इस प्रोजैक्ट के तहत 3 लाख से ज्यादा पौधे इटली से ही आयात किए गए हैं। हालांकि इसके लिए ग्लोबल टैंडर लगाए जाते रहे हैं लेकिन राज्य सरकार ने अब इटली से सेब के पौधे आयात करने पर रोक लगा दी है।
बताया जा रहा है कि इससे पहले जब भी इस परियोजना के तहत इटली से पौधे आयात किए गए हैं, 25 से 30 फीसदी पौधे सूखे आए हैं। शेष पौधों की जीवन दर भी इतनी अच्छी नहीं रही है। 1,134 करोड़ रुपए की इस परियोजना का वित्त पोषण विश्व बैंक कर रहा है। इस प्रोजैक्ट से सेब सहित अन्य फलों की खेती को बढ़ावा देने के दावे किए जा रहे हैं। इसके लिए प्रदेशभर मेंकलस्टर बनाए गए हैं। पूर्व में इस परियोजना का क्रियान्वयन सभी 12 जिलों में करना था लेकिन अब मैदानी इलाकों के 5 जिलों को इस प्रोजैक्ट से बाहर कर दिया गया है।
तकनीकी कमेटी करनी होगी गठित
सेब के पौधे आयात करने से पहले इसके लिए तकनीकी कमेटी गठित करनी होगी। इसमें 2 अधिकारी बागवानी विभाग तथा 2 वैज्ञानिक नौणी यूनिवॢसटी के शामिल किए जाएंगे। यह कमेटी सेब के पौधे आयात करने से पहले संबंधित देश में जाकर नर्सरी को देखेगी। उसके बाद प्लांटिंग मैटीरियल आयात किया जाएगा। पूर्व में तकनीकी कमेटी में कुछ बाहरी लोगों को भी शामिल करने के आरोप लगते रहे हैं, जिसके चलते प्रोजैक्ट को लेकर लंबे समय तक विवाद भी रहा है।