Edited By Vijay, Updated: 24 Jul, 2019 10:23 PM
ठियोग उपमंडल की चियोग पंचायत के डमेहर गांव में चल रहे विवादित मुद्दे को लेकर माकपा भी खुलकर सामने आई है और पूरे प्रकरण में एस.डी.एम. समेत राजस्व विभाग के तमाम कर्मचारियों पर गरीबों की जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं। माकपा ने राजस्व विभाग की...
ठियोग (सुरेश): ठियोग उपमंडल की चियोग पंचायत के डमेहर गांव में चल रहे विवादित मुद्दे को लेकर माकपा भी खुलकर सामने आई है और पूरे प्रकरण में एस.डी.एम. समेत राजस्व विभाग के तमाम कर्मचारियों पर गरीबों की जमीन हड़पने के आरोप लगाए हैं। माकपा ने राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। काबिलेगौर है कि ग्रामीणों ने कुछ दिनों पहले राजस्व विभाग पर जमीन के कागजों में गड़बड़ी करने के बाद जमीन हथियाने और बेचने का आरोप जड़ा था, जिसकी शिकायत विगत दिनों पुलिस में भी की गई थी।
स्टे के बावजूद कैसे चढ़ा दिया इंतकाल
बुधवार को ठियोग में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं माकपा नेता सोहन ठाकुर, माकपा सचिव संदीप वर्मा, किसान सभा के सचिव जगदीश शर्मा और लोकल कमेटी के सदस्य महेंद्र वर्मा आदि ने कहा कि भूमि संबंधी विवाद डिवीजनल कमिश्नर के पास लंबित है, जिसकी सुनवाई 27 जुलाई को होनी है लेकिन राजस्व विभाग ने 24 जून को ही रजिस्ट्री कैसे कर डाली जबकि इस विवाद पर अभी स्टे लगा हुआ है और 17 जुलाई को इंतकाल कैसे चढ़ा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि भूमि का खरीददार 7 दिनों तक एस.डी.एम. के घर पर ही रुका था, जिससे पूरे प्रकरण में एस.डी.एम. की संलिप्तता भी नजर आ रही है और 7 दिनों के अंदर ही प्रशासन को ऐसी क्या जल्दी लगी थी कि पूरी प्रक्रिया अमल में लाई गई जबकि भूमि संबंधी विवादों में सालों लग जाते हैं।
अधिकारियों की सांठ-गांठ से कौड़ियों के भाव बेची गई करोड़ों की जमीन
उन्होंने कहा कि करोड़ों की जमीन भू-राजस्व अधिकारियों की सांठ-गांठ से कौड़ियों के भाव बेची गई। गरीबों की जमीनों को दलाली कर बेचने का काम किया गया है। इस दौरान पूर्व जिला परिषद सदस्य सोहन ठाकुर ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में भू-माफिया का खेल नजर आ रहा है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।