Edited By Simpy Khanna, Updated: 23 Jan, 2020 03:22 PM
वैसे तो लोग आम ही कह देते हैं कि लड़कियां किसी में मामले में लड़कों से कम नहीं है। ये बात सच कर दिखाई है कांगड़ा की लड़की ने। हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में अभी भी महिलाएं वो काम करने से झिझकती हैं जो आम तौर पर पुरुष करते हैं। पर हमीरपुर रोड पर...
ऊना : वैसे तो लोग आम ही कह देते हैं कि लड़कियां किसी में मामले में लड़कों से कम नहीं है। ये बात सच कर दिखाई है कांगड़ा की लड़की ने। हिमाचल जैसे पहाड़ी प्रदेश में अभी भी महिलाएं वो काम करने से झिझकती हैं जो आम तौर पर पुरुष करते हैं। पर हमीरपुर रोड पर यूनिवर्सल पेट्रोल पंप पर कई पुरुष सहकर्मियों के बीच बड़ी कुशलता से अकेली लड़की को अपना काम करते हुए देख हर कोई हैरान है। प्रियंका राजपूत ने इस पुरुषवादी परंपरा को बदल कर रख दिया है।
हालांकि वाहनों में तेल भरने का काम कर रहीं प्रियंका राजपूत को एक बड़ी मजबूरी भी इस पेशे में ले आई है। प्रियंका के पिता बीमारी के चलते अपनी एक टांग और दूसरा पांव भी खो चुके हैं। प्रियंका ने बताया कि पापा की टांग और दूसरा पांव कटने से पहले डॉक्टरों ने उन्हें पीजीआई में उपचार कराने की सलाह दी थी, लेकिन पैसों के अभाव और अन्य कारणों के चलते उनका इलाज नहीं हो पाया। मां गृहिणी हैं, जो घर का कामकाज देखती हैं। प्रियंका के दो भाई हैं। इनमें एक दसवीं और दूसरा बारहवीं कक्षा का छात्र है।
अब उसने परिवार का भार उठाने की ठानी है। प्राइवेट स्तर पर हिंदी में एमए कर रहीं प्रियंका ने बताया कि वह एमए के बाद बीएड करना चाहती हैं, लेकिन इसके लिए मेहनत करनी होगी। इसे वह जारी रखना चाहती हैं। बकौल, प्रियंका उसे पेट्रोल पंप पर 8 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं और पंप का स्टाफ सहयोग करने वाला है।