हिमाचल की सभी ईको टूरिज्म साइट बंद करने का फरमान जारी

Edited By Vijay, Updated: 30 Oct, 2020 11:53 PM

decision to close all eco tourism sites in himachal

हिमाचल में वनभूमि पर चल रही ईको टूरिज्म साइटों का ऑप्रेशन (संचालन) बंद कर दिया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फटकार के वन विभाग की 5 और पीपीपी मोड पर चल रही 6 ईको टूरिज्म साइटें बंद कर दी हैं क्योंकि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (एफसीए) वन...

शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल में वनभूमि पर चल रही ईको टूरिज्म साइटों का ऑप्रेशन (संचालन) बंद कर दिया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की फटकार के वन विभाग की 5 और पीपीपी मोड पर चल रही 6 ईको टूरिज्म साइटें बंद कर दी हैं क्योंकि वन संरक्षण अधिनियम, 1980 (एफसीए) वन भूमि पर गैर वनीय गतिविधियों की इजाजत नहीं देता। फिर भी प्रदेश में तकरीबन एक दशक से आबंटित साइटों पर विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। इन साइट की अब तक एफसीए के तहत मंजूरी नहीं ली गई।

एफसीए कानून में ईको टूरिज्म को नहीं इजाजत

सूत्रों की मानें तो एफसीए कानून वन भूमि का पर्यटन गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देता है। फिर भी सूबे की सरकारें ईको टूरिज्म के नाम पर वन भूमि का प्रयोग करती आई हैं। एफसीए कानून में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क जैसे 14 चिन्हित कामों के लिए जमीन के इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है। ईको टूरिज्म का इसमें जिक्र नहीं है। सुप्रीम कोर्ट भी एफसीए और एफआरए के मामलों को लेकर सख्त है। अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय का रुख देखते हुए भविष्य में वन भूमि पर इको टूरिज्म साइट चलाने पर तलवार लटक गई है।

वन विभाग ने आमंत्रित कर रखीं हैं 15 नई निविदाएं

वहीं वन विभाग ने बीते अगस्त माह के दौरान 15 नई ईको टूरिज्म साइट के लिए निविदाएं आमंत्रित कर रखी हैं। वन विभाग ने इसके लिए इच्छुक फर्मों से 29 सितम्बर तक एक्सप्रैशन ऑफ इन्ट्रैस्ट (ईओआई) जमा करने को कह रखा है। एफसीए लेने की जिम्मेदारी पहले की तरह चयनित होने वाली फर्मों पर थोपी गई है। केंद्र के कड़े रुख के बाद अब इनके आबंटन पर भी तलवार लटक गई है। वन विभाग का दावा है कि केंद्र ने वन भूमि पर इको टूरिज्म साइट चलाने के लिए मास्टर प्लान बनाने को कहा है। वन महकमे ने इसके लिए पर्यटन विभाग से पैसे मांगे थे, जो उन्हें मिल गए हैं। मास्टर प्लान बनाने के बाद वन विभाग को इसे केंद्र से मंजूर करवाना होगा।

एक दशक से चल रही 11 साइट, नहीं ली एफसीए

हिमाचल में एक दशक से वन विभाग की 5 साइटें और पीपीपी मोड पर 6 साइटें चल रही हैं। इनके आबंटन के वक्त एफसीए खुद लेने की शर्त लगाई गई थी। तकरीबन एक दशक बीत गए हैं और इन साइट से वन विभाग और निजी टूरिज्म व्यवसायियों ने ईको टूरिज्म के नाम पर करोड़ों डकार लिए लेकिन एफसीए नहीं ली गई।

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