मेयर ऑफिस को जबरन खाली करवाने पर माकपा हुई लाल

Edited By Ekta, Updated: 21 Oct, 2019 11:36 AM

cpi m angry for forcibly evacuating the mayor office

नगर निगम के मेयर ऑफिस को जबरन खाली करवाने के मामले पर माकपा लाल हो गई है। माकपा ने इस मामले में संलिप्त अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। माकपा ने जिला प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नगर निकायों को दिए गए अधिकारों के विरुद्ध करार दिया...

शिमला (ब्यूरो): नगर निगम के मेयर ऑफिस को जबरन खाली करवाने के मामले पर माकपा लाल हो गई है। माकपा ने इस मामले में संलिप्त अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। माकपा ने जिला प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे नगर निकायों को दिए गए अधिकारों के विरुद्ध करार दिया है। माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि प्रशासन द्वारा इस तरह से जबरन मेयर व डिप्टी मेयर कार्यालय को खाली करवाना संविधान के खिलाफ है, जिसकी माकपा कड़ी ङ्क्षनदा करती है, साथ ही जिन अफसरों की निगरानी में यह किया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। 

माकपा ने इसे सीधे तौर पर सरकार द्वारा संविधान के 74वें संशोधन में नगर निकायों को दिए गए अधिकारों पर हमला करार दिया है। संविधान में देश के लिए 3 स्तरीय शासन व्यवस्था का निर्धारण किया गया है तथा नगर निगम भी इसी व्यवस्था में शहर की जनता के द्वारा चुनी हुई एक संवैधानिक संस्था है। किसी भी संवैधानिक व्यवस्था पर सरकार के प्रशासन द्वारा इस प्रकार का रवैया सरकार की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है। माकपा ने आरोप लगाया है कि मौजूदा समय में नगर निगम पर भाजपा का कब्जा है और भाजपा की ही सरकार में इस तरह की घटना होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

माकपा ने आरोप लगाया है कि इससे पूर्व भी सरकार ने नगर निगम शिमला के टाऊन हॉल स्थित कार्यालय, जोकि वर्षों से नगर निगम की संपत्ति है तथा इसमें कार्यालय चलता है, पर अवैधानिक रूप से इस पर कब्जा करने का प्रयास किया। इन सब पर भी वर्तमान नगर निगम का ढुलमुल रवैया रहा, परन्तु इसके बावजूद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया कि यह नगर निगम शिमला की संपत्ति है तथा नगर निगम एक संवैधानिक संस्था है और टाऊन हॉल उसे सौंपा जाए। इन आदेशों के बावजूद नगर निगम शिमला सरकार के दबाव में कार्य कर इसको पूर्ण रूप से अपने कब्जे में लेने में विफल रहा है। जिस प्रकार से नगर निगम के प्रति सरकार व प्रशासन का रवैया है, यदि समय रहते नगर निगम टाऊन हॉल को पूर्ण रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में लेकर इससे कार्य आरंभ नहीं करता है तो वह अपनी नियमित बैठकों के लिए भी भविष्य में स्थान का निर्धारण नहीं कर पाएगा और जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं कर पाएगा।

ऐसे में नगर निगम को समय रहते अपने अधिकारों के प्रति सचेत होने की जरूरत है। सी.पी.एम. मांग करती है कि सरकार अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व का निर्वहन कर नगर निगम की स्वायत्तता को बनाए रखने तथा 74वें संविधान संशोधन में तय किए गए इसके उत्तरदायित्व व कर्तव्यों के निर्वहन के लिए इसको पर्याप्त सहयोग व सहायता प्रदान करे, ताकि शहरवासियों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकें और शिमला शहर में हर वर्ग बेहतर जीवन-यापन कर सके।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!