Edited By Vijay, Updated: 04 Mar, 2025 11:16 PM

प्रदेश सरकार राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों व पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी।
शिमला (भूपिन्द्र): प्रदेश सरकार राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ाने और संरक्षित करने के लिए महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों व पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करेगी। इसके तहत उन्हें वन संरक्षण में सेवा प्रदान करने के लिए उचित इन्सैंटिव दिया जाएगा और राज्य सरकार ने इस संबंध में 100 करोड़ रुपए विभाग को जारी किए हैं। इसके अलावा जंगलों में पौधों की जीवित प्रतिशतता को बढ़ाने के लिए भी सरकार ने इन्सैंटिव देने का निर्णय लिया है। इसके तहत जीवित प्रतिशतता के आधार पर 5 वर्ष के बाद इन्सैंटिव प्रदान कर मंडलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला में वन विभाग की विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इस कार्य में महिला, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों पर पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
वन मित्रों को वर्दी व अन्य सामग्री के लिए मिलेंगे 6 हजार रुपए
इस दौरान सुक्खू ने कहा कि नवनियुक्त वन मित्रों को नियुक्ति पत्र शीघ्र प्रदान किए जाएंगे। कुल 2033 उम्मीदवारों का चयन किया गया है, जिनमें 55 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को नव नियुक्त वन मित्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम तैयार करने को कहा। इस कार्यक्रम के माध्यम से वन मित्रों को उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारियों से अवगत करवाया जाएगा और यह कार्यक्रम इस वर्ष के मई माह के पहले सप्ताह से आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वन मित्रों को वर्दी तथा अन्य संबंधित सामग्री के लिए 6000 रुपए प्रदान करेगी। उन्होंने कांगड़ा जिले के अंतर्राष्ट्रीय ज्यूलॉजिकल पार्क बनखंडी के विकास एवं निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने इस परियोजना के कार्यों में तेजी लाने और पार्क के लिए पर्याप्त श्रम शक्ति एवं मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए प्लेनेटेरियम तथा अन्य सुविधाएं सृजित करने पर भी बल दिया।
जंगलों में अवश्य लगाए जाएं 60 फीसदी फलदार व चारा प्रजाति के पौधे
मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्र में 60 प्रतिशत फलदार व चारे की प्रजातियाें के पौधे अवश्य लगाने के निर्देश दिए, ताकि जंगल में ही जंगली जानवरों की आवश्यकताओं की उपलब्धता हो सके। इससे किसानों की फसलों को जानवरों से होने वाले नुक्सान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने विभाग को पौधारोपण और वनीकरण की अपनी मूल जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए और पर्याप्त स्टाफ व हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए निजी उद्यमियों को किया जाएगा शामिल
मुख्यमंत्री ने विभाग को वन आच्छादित क्षेत्र बढ़ाने के लिए निजी उद्यमियों को शामिल करने के निर्देश दिए। विभाग ऐसी संस्थाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने विभाग को पौधारोपण के साथ पौधों को बचाए रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार राज्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है तथा वर्तमान सरकार के पिछले दो वर्षों में इस संबंध में अनेक कदम उठाए गए हैं।
2 सप्ताह में ईको टूरिज्म की 78 साइट्स होंगी क्रियाशील
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए ईको-पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पहले चरण में आठ ईको-पर्यटन साइट को सक्रिय बनाया गया है और अगले 2 सप्ताह में 78 साइट्स क्रियाशील की जाएंगी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, पीसीसीएफ (हॉफ) समीर रस्तोगी और विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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