Edited By Vijay, Updated: 23 Jul, 2025 02:09 PM
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं ने सिर्फ संपत्तियों को नहीं बल्कि जिंदगियों को भी तबाह कर दिया है।
हिमाचल डैस्क: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी घटनाओं ने सिर्फ संपत्तियों को नहीं बल्कि जिंदगियों को भी तबाह कर दिया है। कई जिलों में सड़क संपर्क टूट गया है, बिजली आपूर्ति ठप्प है और पानी की स्कीमें प्रभावित हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) की 22 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार राज्यभर में 432 सड़कें अभी भी बंद हैं, 534 विद्युत ट्रांसफॉर्मर काम नहीं कर रहे, और 197 जलापूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
जानमाल का सबसे ज्यादा नुक्सान मंडी और कांगड़ा में
अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 135 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 76 मौतें भूस्खलन, बादल फटने, बिजली गिरने और अचानक आई बाढ़ जैसी घटनाओं में हुई हैं, जबकि 59 लोग सड़क हादसों में मारे गए हैं। सबसे अधिक मौतें मंडी (17), कांगड़ा (16), कुल्लू (8) और चंबा (7) जिलों से सामने आई हैं। मंडी में बादल फटने, कांगड़ा में अचानक आई बाढ़ और शिमला-सोलन में लगातार हो रहे भूस्खलन ने पूरे इलाके में तबाही मचा दी है। कई घर जमींदोज हो गए हैं, पुल टूट गए हैं, सड़कें बह गई हैं और खेत खलिहान मिट्टी में समा गए हैं।
540 से ज्यादा घर पूरी तरह ढहे
राज्य को अब तक 1,24,734.67 लाख रुपए (यानी करीब 1,247 करोड़ रुपए) की संपत्ति का नुक्सान हो चुका है। 540 से ज्यादा मकान पूरी तरह से ढह चुके हैं, जबकि सैंकड़ों लोगों को अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। 20 जून से अब तक केवल 5 हफ्तों में हिमाचल में 25 भूस्खलन, 40 फ्लैश फ्लड और 23 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में न सिर्फ इंसानी जानें गई हैं, बल्कि 1,296 मवेशी और 21,500 मुर्गियां भी इस आपदा की भेंट चढ़ चुकी हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में त्राहि-त्राहि मची हुई है। जन विकास से जुड़े तमाम विभाग जैसे लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बिजली बोर्ड, शिक्षा, पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। सड़कों का जाल टूट चुका है, पुल बह गए हैं और कई गांवों तक राहत पहुंचाना भी चुनौती बन गया है।
524 ट्रांसफार्मर और 197 पेयजल योजनाएं ठप्प
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसा, प्रदेश में कुल 524 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। इसमें मंडी जिले में सबसे ज्यादा 201 ट्रांसफार्मर, कुल्लू में 123, हमीरपुर में 117, सोलन में 71, चम्बा में 19, जबकि चौपाल, निचार और शाहपुर में एक-एक ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना है। यही नहीं, बारिश के कारण 197 जल आपूर्ति योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इनमें कुल्लू में 44, मंडी में 40, चंबा में 27, शिमला में 25 और बिलासपुर में 22 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। इससे ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में पीने के पानी की भारी किल्लत हो गई है।
राहत कार्य जारी, लोगों से सतर्क रहने की अपील
सरकारी एजैंसियों के साथ-साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय राहत दल लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। कई राहत शिविर बनाए गए हैं और मृतकों के परिजनों और बेघर हुए लोगों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आम जनता से सतर्क रहने, मौसम अलर्ट का पालन करने और भूस्खलन संभावित इलाकों से दूर रहने की अपील की है। अभी हिमाचल के सामने सबसे बड़ी चुनौती सड़कों को बहाल करना, पुलों का निर्माण करना और बिजली-पानी जैसी आवश्यक सेवाओं को फिर से शुरू करना है।