Edited By Jyoti M, Updated: 01 Sep, 2025 04:47 PM

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य को 'आपदा प्रभावित राज्य' घोषित कर दिया है। सोमवार को विधानसभा में एक वक्तव्य के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल मॉनसून की शुरुआत से ही राज्य में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की कई...
हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य को 'आपदा प्रभावित राज्य' घोषित कर दिया है। सोमवार को विधानसभा में एक वक्तव्य के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल मॉनसून की शुरुआत से ही राज्य में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की कई घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं ने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मॉनसून ने 21 अगस्त से फिर से जोर पकड़ा और 1 सितंबर 2025 तक भारी तबाही मचाई है। चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में तेजी से जुटी हुई है और युद्धस्तर पर सड़कों, पेयजल योजनाओं और बिजली आपूर्ति को बहाल करने का काम किया जा रहा है।
प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, 31 अगस्त तक राज्य को 3 हजार 56 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान सड़कों, पुलों, पानी और बिजली की संरचनाओं को पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, सभी जिलों और सरकारी विभागों को राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा में हंगामा:
विधानसभा के मॉनसून सत्र के नौवें दिन, भारी हंगामे के बीच एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश में हुई इस त्रासदी को 'राष्ट्रीय आपदा' घोषित करने की मांग की गई है। यह कदम राज्य को केंद्र से अधिक सहायता और संसाधन प्राप्त करने में मदद करेगा।
इस मानसून में हिमाचल प्रदेश ने एक अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा का सामना किया है। मुख्यमंत्री के इस कदम से प्रभावित लोगों को राहत मिलने और राज्य के पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार का पूरा ध्यान अब प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा बनाने पर है।