Edited By Kuldeep, Updated: 15 Jul, 2025 06:35 PM

हिमाचल के निजी बस ऑप्रेटरों ने एक बार फिर एचआरटीसी की जेएनएनयूआरएम बसों के संचालन पर सवाल उठाए हैं। इसी संबंध में मंगलवार को सचिवालय में प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में निजी बस ऑप्रेटरों की बैठक हुई।
शिमला (राजेश): हिमाचल के निजी बस ऑप्रेटरों ने एक बार फिर एचआरटीसी की जेएनएनयूआरएम बसों के संचालन पर सवाल उठाए हैं। इसी संबंध में मंगलवार को सचिवालय में प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की अध्यक्षता में निजी बस ऑप्रेटरों की बैठक हुई। बैठक में एमडी एचआरटीसी परिवहन निदेशक डीसी नेगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान दोनों पक्षों की प्रधान सचिव ने सुनवाई की। निजी बस ऑप्रेटर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने इस मौके पर आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से निगम जेएनएनयूआरएम की बसें गैर कानूनी तरीके से चला रहा है। इन बसों के संचालन पर रोक लगनी चाहिए। इन बसों को 13 स्वीकृत कलस्टर से बाहर चलाया जा रहा है।
कई बसें तो ऐसी है जो बाहरी राज्यों के रूटों पर भी चल रही हैं, जबकि नियम ये थे कि ये 40 किलोमीटर के दायरे में ही चलेंगी। उन्होंने कहा कि इन बसों से स्पैशल रोड टैक्स भी नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन बसों के अवैध संचालन के लिए परिवहन निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। वहीं उन्होंने प्रधान सचिव परिवहन से निवेदन भी किया है कि पिछले 10 वर्षों का जेएनएनयूआरएम की बसों का टोकन टैक्स और एसआरटी जोड़ें या फिर निजी बसों का टैक्स माफ करें।
हाईकोर्ट के नियमों का भी उल्लंघन हो रहा
प्राइवेट बस ऑप्रेटर यूनियन ने आरोप लगाया कि एचआरटीसी द्वारा जेएनएनयूआरएम की बसें उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी गैरकानूनी तरीके से कलस्टर से बाहर और अंतर्राज्यीय रूट पर चलाई जा रही हैं, जो मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन तो है ही, साथ ही उच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना है। विभाग के अधिकारियों को भी कई बार इन बसों के अवैध संचालन बारे शिकायत की, लेकिन कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई और बसें अवैध रूप से चल रही हैं।
बसों के संचालन से बढ़ रहा चालक-परिचालकों में विवाद
यूनियन ने प्रधान सचिव परिवहन कहना है कि इन बसों में चलने वाले स्टाफ के निजी बस के चालकों-परिचालकों एवं ऑप्रेटरों के साथ उलझने के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। अभी हाल ही में नाहन में जेएनएनयूआरएम की बस जो कि बिना परमिट के अवैध रूप से चल रही थी उस बस के चालक ने निजी बस चालक के साथ मारपीट की, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ है। वहीं, एचआरटीसी प्रबंधन का कहना है कि नियमों के तहत ही बसें चल रही हैं। आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा स्कीम के तहत यह बसें 14 कलस्टर के लिए दी गई थीं, लेकिन एचआरटीसी द्वारा इनको गैर कानूनी तरीके से बाहरी राज्यों में भी चलाया जा रहा है।
अनदेखी पर खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
प्राइवेट बस ऑप्रेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर ने कहा कि निजी बस ऑप्रेटरों ने आपसी विचार-विमर्श करके फैसला लिया है कि यदि इन बसों को चलने से नहीं रोका गया तो हिमाचल प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटर न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का मामला अदालत में ले जाने को मजबूर होंगे। ऑप्रेटर संघ ने परिवहन निदेशक से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है और एचआरटीसी को इस पर नोटिस जारी करने की मांग की है।