Edited By Ekta, Updated: 21 Oct, 2019 12:00 PM
ऑनलाइन शॉपिंग से त्योहारी सीजन में ऑफर से भले ही लोगों की चांदी हो रही है, लेकिन राजधानी शिमला के बाजारों की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। वैसे तो सालभर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या होती है, लेकिन इन दिनों दशहरा, दीवाली व अन्य...
शिमला (राजेश): ऑनलाइन शॉपिंग से त्योहारी सीजन में ऑफर से भले ही लोगों की चांदी हो रही है, लेकिन राजधानी शिमला के बाजारों की चमक फीकी पड़ती नजर आ रही है। वैसे तो सालभर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या होती है, लेकिन इन दिनों दशहरा, दीवाली व अन्य त्यौहारों पर दी जा रही छूट और शानदार आकर्षक उपहारों ने इनकी तादाद बढ़ा दी है। दीवाली व धनतेरस आदि अन्य त्योहारों को अब 7 दिन ही बाकी रह गए हैं, लेकिन अब तक बाजार न तो सजा है और न ही रौनक नजर आ रही है। जैसे कि पिछले सालों यानी आज से 5 साल पहले हुआ करती थी। त्योहार सीजन में बिक्री कुछ खास न होने पर दुकानदारों में भी उत्साह नहीं है। कारोबारियों का कहना है कि ऑनलाइन खरीददारी ने 40 से 50 फीसदी तक बाजार पर असर डाला है, जबकि पहले खरीददारी 100 प्रतिशत होती थी और लोग घरों से बाहर बाजारों में पहुंचते थे।
ऑनलाइन कंपनियां बाजारों से अधिक बेच रहीं सामान
ऑनलाइन उत्पाद बेचने वाली कंपनियां बाजार में बिकने वाले सामान से कई गुना कम दाम पर अपने प्रोडक्ट बेच रही हैं। इस कारण हर वर्ग विशेषकर युवा वर्ग का ध्यान ऑनलाइन खरीददारी की ओर अधिक रहता है। कपड़े हों, इलैक्ट्रॉनिक सामान या फर्नीचर, सभी का दाम बाजार की तुलना में बहुत कम होता है। ऐसे में जो लोग बाजार में खरीददारी के लिए आ भी रहे हैं, वे ऑनलाइन में दिए जा रहे दाम और बाजार के दाम पर विक्रेता से उलझ पड़ते हैं।
छोटे व्यापारियों पर पड़ रही अधिक मंदी की मार
इंटरनैट के इस दौर में आज युवाओं से लेकर महिलाओं तक हर वर्ग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहा है। हर छोटा से छोटा सामान ऑनलाइन शॉपिंग कर मंगवाया जा रहा है, जिससे लोकल स्तर के छोटे कारोबारी मंदी की मार झेल रहे हैं। शिमला के बाजारों की बात करें तो दुकानदारों का कहना है कि जहां पहले दिन में 10 से 20 हजार की सेल होती थी वहीं यह हजारों में पहुंच गई है, ऐसे में मुनाफा अधिक नहीं हो रहा है।