Edited By Jyoti M, Updated: 07 Dec, 2024 01:01 PM
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने लोगों की जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है, लेकिन इसी तकनीक का गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
हिमाचल डेस्क। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने लोगों की जिंदगी को बहुत आसान बना दिया है, लेकिन इसी तकनीक का गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है। हाल के दिनों में एक नई और खतरनाक धोखाधड़ी का तरीका सामने आया है, जिसे डीपफेक ऑडियो कहते हैं। इसमें साइबर ठग आपकी आवाज की नकल करके ठगी कर रहे हैं।
डीपफेक ऑडियो क्या है?
डीपफेक ऑडियो एक उच्च तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें साइबर ठग आपके किसी भी प्रियजन, रिश्तेदार या दोस्त की आवाज की नकल कर लेते हैं। इसके लिए वे आपकी आवाज के कई सैंपल इकट्ठा करते हैं और फिर मशीन लर्निंग तकनीक की मदद से उसकी हूबहू नकल तैयार कर लेते हैं। इसके बाद, वे इस नकली आवाज का इस्तेमाल कर आपको धोखा देते हैं।
कैसे होती है ठगी?
हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें साइबर ठगों ने एक प्रिंसिपल को शिकार बनाया। ठग ने प्रिंसिपल को एक कॉल किया और बताया कि उनका रिश्तेदार यूएई में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे छुड़ाने के लिए डेढ़ लाख रुपये की मांग की जा रही है। कॉल करने वाले व्यक्ति की आवाज उनके रिश्तेदार की ही थी, जिसे सुनकर प्रिंसिपल को विश्वास हो गया कि यह सच है। इस पर, उन्होंने ठग के बताए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
बाद में, जब उन्होंने अपने रिश्तेदार को फोन किया, तो पता चला कि वह तो उनके पास ही बैठा था। इस घटना के बाद उन्होंने मामले की सूचना साइबर क्राइम सेल को दी और लोगों को ऐसे धोखाधड़ी से बचने की अपील की।
डीपफेक कैसे बनता है?
डीपफेक को बनाने के लिए मशीन लर्निंग की मदद ली जाती है। इसमें दो प्रमुख नेटवर्क होते हैं:
एन्कोडर (Encoder) – जो असली वीडियो या ऑडियो को एनालाइज करता है।
डीकोडर (Decoder) – जो इस डेटा को प्रोसेस करता है और उसे बिल्कुल असली जैसा आउटपुट देता है।
इसके लिए केवल एक वीडियो या ऑडियो क्लिप की जरूरत होती है। इस तकनीक का इस्तेमाल साइबर ठग लोगों को मुसीबत में फंसा हुआ या घायल होने का अहसास दिलाने के लिए करते हैं, जिससे वे जल्दी से पैसे ट्रांसफर कर दें।
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। अगर किसी प्रकार का संदेह हो तो पैसे ट्रांसफर करने से पहले तुरंत विशेषज्ञों से सहायता लें। साइबर क्राइम सेल के पास ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेषज्ञ मौजूद हैं, जो आपकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।