Edited By Simpy Khanna, Updated: 03 Sep, 2019 11:23 AM
शिमला के बुक कैफे में अब कैदी खाने की चीजें और चाय परोसते नजर नहीं आएंगे। नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। पार्षदों ने बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की, जिस पर निगम ने इसका...
शिमला (तिलक राज) : शिमला के बुक कैफे में अब कैदी खाने की चीजें और चाय परोसते नजर नहीं आएंगे। नगर निगम शिमला ने बुक कैफे को जेल विभाग से वापिस लेकर इसका टेंडर कर निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है। पार्षदों ने बुक कैफे का टेंडर करने की मांग की, जिस पर निगम ने इसका टेंडर जारी लर दिया है।
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि बुक कैफे को कैदी चला रहे थे, लेकिन इससे नगर निगम को कोई आय नहीं हो रही थी। इसके कारण बुक कैफे के टेंडर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुक कैफे रहेगा, साथ ही जेल विभाग के सामान को भी बेचा जायेगा। नगर निगम जिसे भी ये टेंडर अलॉट करेगा उस पर ये शर्तें लागू होगीं।
बता दें 2016 में नगर निगम शिमला ने रिज मैदान के साथ टका बेंच के पास बुक कैफे बनाया था। यहां पर कैदी ही इस कैफे को चला रहें है। ये बुक कैफे शिमला आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। यहां पर्यटक कैदियों के बने सामान को देखने और उनसे बात करने के लिए पहुंचते थे, लेकिन अब ये आकर्षण खत्म होने वाला है। नगर निगम जल्द टेंडर जारी कर इसे निजी हाथों में सौंपने जा रहा है।
टका बैंच की तर्ज पर बनेंगे 3 और बुक कैफे
शिमला शहर की आम जनता के लिए टका बैंच की तर्ज पर नगर निगम शहर में 3 और बुक कैफे बनाने जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत बुक कैफे का निर्माण किया जाना है। इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है। एम.सी. शहर के इंजनघर, छोटा शिमला और टूटीकंडी जहां पर मौजूदा समय में एम.सी. के रीडिंग रूम चल रहे हैं। इन रीडिंग को अपग्रेड कर इसे बुक कैफे में बदला जाएगा, ताकि वार्ड स्तर के बच्चे, युवा, महिलाएं वरिष्ठ लोग इसका लाभ उठा सकें। नगर निगम आयुक्त पंकज राय ने सोमवार को बुक कैफे के निर्माण के लिए साइट विजिट कर स्थान चयनित कर दिए हैं। इस दौरान शहर के वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक व निगम अधिकारी मौजूद रहे।