Edited By Vijay, Updated: 27 Sep, 2024 05:57 PM
बिलासपुर की गोविंद सागर झील में उत्तरी भारत का पहला क्रूज, वाटर स्कूटर, स्पीड बोट्स पर्यटकों को झील की सैर करवाने व झील के किनारें...
बिलासपुर (विशाल): बिलासपुर की गोविंद सागर झील में उत्तरी भारत का पहला क्रूज, वाटर स्कूटर, स्पीड बोट्स पर्यटकों को झील की सैर करवाने व झील के किनारे पहाडिय़ों की प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन करवाने के लिए लगभग तैयार हैं। एक शिकारे की कमी अभी है लेकिन ये कमी भी दूर होने वाली है कुछ ही दिनों में उत्तरी भारत का पहला शिकारा भी बिलासपुर पहुंचने वाला है।
विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मंडी-भराड़ी के समीप डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक व मीडिया की उपस्थिति में इस क्रूज का ट्रायल रन किया गया व यह ट्रायल सफल रहा। क्रूज को झील के पानी पर अठखेलियां करते देखना वास्तव में ही एक रोमांचक व मन को खुशी से भर देने का अनुभव था।
अभी इस क्रूज को पूर्णतया तैयार होने में लगभग 10 दिन लगेंगे। इस क्रूज में 3 तल होंगे। लगभग 45 लोगों की इसमें एक साथ सफर करने की क्षमता है। यह क्रूज पूर्णतया एसी है व तीनों तलों पर संगीत सुनने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस म्यूजिक सिस्टम व स्पीकर लगे हैं। अभी इसके छत पर भी सोफे लगेंगे व ऊपर केनेपी छत भी होगी जो क्रूज के ऊपरी खुले हिस्से में ठंडी हवा के झोंकों के बीच प्राकृतिक सुदरता की आनंद लेने वाले पर्यटकों को धूप व बारिश से बचाएगी।
क्रूज अंधेरे में भी लाईटों से जगमगाता रहे इसके लिए इसमें जनरेटर सैट भी लगाया गया है। कुल मिला कर यह क्रूज हिमाचल आने वाले पर्यटकों व हिमाचलियों को जल पर्यटन का वह रोमांच व आनंद देने वाला है जो केरल व तमिलनाडू के समुद्र के बैक वाटर में ही अब तक मिलता रहा है।
डीसी बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि क्रूज का ट्रायल रन पूरी तरह से कामयाब रहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में गोविंद सागर झील की सुंदरता अपने-आप में अनोखी है। उन्होंने कहा कि यहां जलक्रीड़ा स्थल को बड़े स्तर पर विकसित करने के उनके विचार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गंभीरता से लिया व हर संभव सहायता की। इसी के चलते यह सब इतना जल्दी कर पाना संभव हो पाया।
पर्यटन विभाग ने भी बहुत सहयोग किया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर गोविंद सागर झील में क्रूज, शिकारे व अन्य रोमांचक खेलों को शुरू करवाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू खुद गंभीर हैं और पूरी नजर बनाए हुए हैं। 15-20 दिनों में शेष बची औपचारिकताएं व कार्य पूर्ण हो जाएंगे व उसके बाद प्रदेश मुख्यमंत्री अपने कर-कमलों से इसका उदघाटन करेंगे।
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