Edited By Jyoti M, Updated: 11 Mar, 2025 04:32 PM

इंद्रदेव की बेरूखी और राजधानी में बर्फबारी न होने से शिमला से पर्यटक मानों रूठ से गए हैं। ऐसे में होटल व पर्यटन व्यवसाय से जुड़े अन्य कारोबारियों सहित लोगों में मायूसी छाई हुई है। होटलों, गैस्ट हाऊस संचालकों को तो किराया-भाड़ा व कर्मचारियों की सैलरी...
शिमला, (संतोष): इंद्रदेव की बेरूखी और राजधानी में बर्फबारी न होने से शिमला से पर्यटक मानों रूठ से गए हैं। ऐसे में होटल व पर्यटन व्यवसाय से जुड़े अन्य कारोबारियों सहित लोगों में मायूसी छाई हुई है। होटलों, गैस्ट हाऊस संचालकों को तो किराया-भाड़ा व कर्मचारियों की सैलरी तक जुटानी मुश्किल हो गई है।
वीकेंड में राजधानी में पर्यटकों की थोड़ी चहल-पहल अवश्य रही, लेकिन बहुत कम संख्या में सैलानी शिमला पहुंचे हैं। यहां तक कि पर्यटन निगम की कार्ट रोड स्थित लिफ्ट से मालरोड व रिज पर आने के लिए यहां लोगों की कतारें लग जाती थीं, लेकिन यहां कर्मचारी लोगों सहित पर्यटकों के आने का इंतजार ही करते हुए नजर आए हैं।
बहुत कम संख्या में पर्यटकों ने शिमला का रुख किया, जबकि अधिकांश लोगों की वापसी हुई है। होटलों की ऑक्यूपेंसी घटकर अब मात्र 20 से 25 फीसदी रह गई है, जिससे उन्हें कर्मचारियों का वेतन, बिजली-पानी का बिल सहित अन्य खर्च जुटाने में भी समस्या पेश आ रही है।
शिमला होटल एवं टूरिज्म स्टेक होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंद्र सेठ ने कहा कि इस बार शिमला में बर्फबारी न होने के कारण पर्यटकों का राजधानी की ओर कम रुख हुआ है।