Edited By Vijay, Updated: 05 Sep, 2025 05:20 PM

हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने लाेगाें काे गहरे जख्म दिए हैं। वहीं प्रदेश की राजधानी शिमला की बात करें ताे यहां भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं। करीब 2 दर्जन से ज्यादा मकान भूस्खलन के चलते खतरे की जद में आ गए हैं...
शिमला (वंदना): हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश ने लाेगाें काे गहरे जख्म दिए हैं। वहीं प्रदेश की राजधानी शिमला की बात करें ताे यहां भी हालात कुछ ठीक नहीं हैं। करीब 2 दर्जन से ज्यादा मकान भूस्खलन के चलते खतरे की जद में आ गए हैं, ऐसे में प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से इन मकानों को खाली करवा दिया है, ताकि कोई जानि नुक्सान न हो सके। वहीं कृष्णा नगर वार्ड में बीते दिन हुए भूस्खलन से 5 परिवार बेघर हो गए हैं। यहां पर घरों के नीचे लगे डंगे ढह गए हैं, जिससे एक मकान तो पूरी तरह से ढह गया है, जबकि 4 मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
3 प्रभावित परिवार सामुदायिक भवन में शिफ्ट, 2 परिवारों ने रिश्तेदाराें के घरों में ली पनाह
प्रशासन ने इन मकानाें में रह रहे लोगों को सामुदायिक भवन में शिफ्ट कर दिया है। इस समय 3 परिवाराें के 13 लोग सामुदायिक भवन में रह रहे हैं, जबकि 2 परिवारों के लोगों ने अपने रिश्तेदाराें के घरों में शपण ली हुई है। खुद का घर छाेड़कर सामुदायिक भवन के एक कमरे में समय बिताने का दर्द इन लोगों के चेहराें पर साफ देखा जा सकता है। बेघर हुए लोग नगर निगम प्रशासन से उनके खतरा बने मकानों को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं, ताकि लोग स्थायी तौर पर अपने मकानों में दोबारा से रहने जा सकें। वहीं प्रशासन बरसात का मौसम खत्म होने के बाद ही इन घरों को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है, इसको लेकर प्लान तैयार करेगा।
भूस्खलन से हुए नुक्सान की रिपोर्ट तैयार
नगर निगम व जिला प्रशासन ने भूस्खलन से हुए नुक्सान की रिपोर्ट तैयार कर ली है, अब इसकी भरपाई की दिशा में जल्द ही काम शुरू करने की मांग लोगों ने की है। शिमला में भारी बारिश से काफी नुक्सान हुआ है। शिमला शहर हाई डैमेज रिस्क जोन-5 में आता है, ऐसे में यदि भूकम्प या अन्य किसी भी तरह की आपदा आती है तो काफी नुक्सान शिमला में हो सकता है और कृष्णा नगर पहले ही काफी संवेदनशील जगह है।
स्लाइडिंग जोन में आता है कृष्णा नगर क्षेत्र
शहर का कृष्णा नगर क्षेत्र स्लाइडिंग जोन क्षेत्र है, बारिश और बरसात में यहां हर समय पर भूस्खलन होने का खतरा बना रहता है। बारिश और बरसात में यहां भूस्खलन होता ही है, जिससे लोगों के पक्के ढारों को नुक्सान पहुंचता है। इस एरिया में शहर का सबसे बड़ा नाला भी गुजरता है, जिससे भी इस क्षेत्र में हर समय भूस्खलन होता रहता है। वर्ष 2023 में यहां पर बहुमंजिला मकान व निगम का स्लाटर हाऊस ढह गया था। उस दाैरान भी कई लोग बेघर हो गए थे। अब यहां पर 5 परिवार दोबारा से बेघर हो गए हैं। यहां पर जितने भी भवन बने हैं, वे अवैध तरीके से बनाए गए हैं। इन ढारों को नियमित करने के लिए सरकार ने एक पॉलिसी भी बनाई है, जिसके तहत इन्हें नियमित किया जाना है।
क्या कहते हैं कृष्णानगर के मनोनीत पार्षद
कृष्णानगर के मनोनीत पार्षद विनोद भाटिया ने कहा कि भूस्खलन होने से लव कुश चौक के पास एक बिल्डिंग का एक हिस्सा ढह गया था। उसके बाद 4 मकानों को आनन-फानन में खाली करवाया गया है। अस्थायी तौर पर लोगों को सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया गया है। यहां पर लोगों के खाने-पीने से लेकर अन्य जरूरत की चीजों की व्यवस्था की गई है। इस आपदा की घड़ी में दिन-रात वार्ड के लोगों के साथ खड़ा रहूंगा। बरसात खत्म होते ही मकानों को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। 3 परिवार यहां रह रहे हैं, जबकि 2 परिवार अपने रिश्तेदाराें के पास चले गए हैं।
घरों को सुरक्षित करने के लिए बरसात के बाद होगा काम : मेयर
नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि कृष्णा नगर में लव कुश चौक के पास सोढी बिल्डिंग के पास भूस्खलन होने से 5 मकान खतरे की जद में आ गए हैं। इन परिवारों को अस्थायी तौर पर सामुदायिक भवन में शिफ्ट किया गया है। मकानों को कैसे सुरक्षित किया जा सकेगा, इसको लेकर बरसात के खत्म होने के बाद निगम काम करेगा। डंगे लगाने की मांग लोग कर रहे हैं। नुक्सान का जायजा लिया गया है। प्रशासन इस संबंध में जल्द ही उचित कार्रवाई करेगा।