Edited By Jyoti M, Updated: 02 Sep, 2025 02:50 PM

कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर सनवारा के पास पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ है। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का...
हिमाचल डेस्क। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर सनवारा के पास पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ है। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है और हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भूस्खलन का मलबा इतना ज्यादा है कि हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया है। इस भूस्खलन ने न केवल हाईवे को प्रभावित किया है, बल्कि इसके ठीक ऊपर से गुजरने वाले कसौली रोड पर भी खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की है।
अधिकारियों ने दत्यार से धर्मपुर तक पहाड़ी लेन को बंद कर दिया है और वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। इसके अलावा, चक्कीमोड़ में एक तरफा यातायात (वनवे ट्रैफिक) लागू किया गया है ताकि वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित और सुरक्षित किया जा सके।
परवाणू से कैथलीघाट तक भी जगह-जगह मलबा गिरने की खबरें हैं, जिससे वाहन चालकों को काफी डर और सतर्कता के साथ यात्रा करनी पड़ रही है। इस वजह से भारी ट्रैफिक जाम और यात्रा में देरी की समस्या भी सामने आ रही है। स्थानीय लोग और यात्री प्रशासन से जल्द से जल्द मलबा हटाने और सड़क को सुरक्षित बनाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने संबंधित विभागों को इस बारे में सूचित कर दिया है और मलबा हटाने का काम जल्द ही शुरू करने का आश्वासन दिया है।
बारिश के मौसम में भूस्खलन का खतरा और भी बढ़ जाता है। इसलिए, स्थानीय लोगों और यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को अपनी यात्रा शुरू करने से पहले मार्ग की स्थिति की जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए। यह घटना दर्शाती है कि पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा करते समय मौसम और सड़क की स्थिति का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है।