Edited By Jyoti M, Updated: 09 Feb, 2025 12:04 PM
![took a loan of rs 14 lakh by mortgaging gold in the bank](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_12_03_545614116goldloan-ll.jpg)
बैंक कुल्लू की शाखा में 3 लोगों ने नकली सोना गिरवी रखकर करीब 14 लाख रुपए का गोल्ड लोन ले लिया। बैंक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार बैंक के ऑप्रेशन हैड रविंद्र कुमार की शिकायत पर मामला...
कुल्लू, (शम्भू प्रकाश): बैंक कुल्लू की शाखा में 3 लोगों ने नकली सोना गिरवी रखकर करीब 14 लाख रुपए का गोल्ड लोन ले लिया। बैंक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार बैंक के ऑप्रेशन हैड रविंद्र कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है। उन्होंने पुलिस को सौंपे शिकायत पत्र में कहा है कि बैंक में कुल्लू की एक महिला सहित 3 लोगों ने नकली सोना गिरवी रखा।
आरोप है कि छाकुर बोस निवासी जरोल जिला कुल्लू ने बैंक से नकली सोने की एवज में 3,58,600 रुपए का गोल्ड लोन लिया। इसी प्रकार हरी राम निवासी जाणा जिला कुल्लू ने 5,37,700 और लता देवी निवासी दलासणी ने 5,32,400 रुपए का गोल्ड लोन लिया। जब ये लोग लोन लेने के बाद किस्त भरने नहीं आए और अवधि भी पूरी हुई तो बैंक ने इनके द्वारा गिरवी रखे गए आभूषणों की जांच करवाई।
जांच में आभूषण नकली पाए गए। देखने में यह आभूषण सोने की धातु की तरह प्रतीत हो रहे थे लेकिन वास्तव में वे नकली थे। पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है और आरोपियों को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा। एस.पी. डा. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने मामला दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
बैंक की कार्यप्रणाली पर उठ रहे कई सवाल
इस मामले में बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब भी कोई व्यक्ति बैंक में गोल्ड लोन लेने के लिए जाता है तो बैंक की ओर से स्वर्णकार को बैंक शाखा में बुलाया जाता है। स्वर्णकार आभूषणों को बैंक में गिरवी रखने से पहले जांचते हैं और इस बात का पता लगाते हैं कि कहीं आभूषण नकली तो नहीं हैं।
सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन मामलों में बैंक ने गोल्ड लोन देने से पहले आभूषणों की स्वर्णकार से जांच नहीं करवाई थी। इसको लेकर भी पुलिस बैंक से पूछताछ कर रही है। कहीं ऐसा तो नहीं जब आभूषणों को गिरवी रखा गया तो उस समय कहीं आभूषणों पर सोने के पानी की कोई मोटी परत तो नहीं चढ़ाई गई थी, जिससे स्वर्णकार भी चकमा खा गए हों।