Edited By Vijay, Updated: 22 Aug, 2025 03:50 PM

प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। खासकर पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला भुंतर तहसील के जेष्ठा गांव से सामने आया है, जहां भूस्खलन की चपेट में आकर एक अढ़ाई मंजिला...
सैंज (बुद्धि सिंह): प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। खासकर पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला भुंतर तहसील के जेष्ठा गांव से सामने आया है, जहां भूस्खलन की चपेट में आकर एक अढ़ाई मंजिला घर गिरने की कगार पर पहुंच गया। यह मकान काष्ठ-कुणी शैली में निर्मित था, जिसमें ईश्वर सिंह और यशपाल का परिवार रहता था।
लगातार बारिश के कारण घर के आगे जमीन धंसने लगी, जिससे अचानक पूरा मकान खतरे की जद में आ गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गांव के लोगों की मदद से मकान को फौरन खाली कराया गया। अब इस मकान में रहने वाले 2 परिवाराें के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर हैं।
ईश्वर सिंह ने बताया कि घर के सारे सामान को खेतों में तिरपाल के नीचे रखा गया है और परिवार के सभी सदस्य अभी गांव में एक सुरक्षित स्थान पर लगाए गए तंबुओं में शरण लिए हुए हैं। हम लोग बहुत परेशान हैं। केवल रहने की ही नहीं, मवेशियों को रखने की भी कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है। मकान के साथ बनी गऊशाला भी भूस्खलन की चपेट में आ चुकी है। गाऊएं, भेड़-बकरियां सभी को खुले में रखना पड़ रहा है।
ईश्वर सिंह के अनुसार स्थानीय स्तर पर पंचायत ने घटनास्थल का मुआयना कर स्थिति की सूचना संबंधित प्रशासन तक पहुंचा दी है, लेकिन अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस मदद नहीं मिली है। न राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है और न ही कोई मुआवजे की घोषणा हुई है।प्रभावित परिवारों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द राहत सामग्री और मुआवजा मुहैया करवाया जाए ताकि वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें और दोबारा जीवन को पटरी पर ला सकें।