Chamba: सुरक्षित नहीं पुलिस चौकी के पहरेदार, भूस्खलन से शैड में आई दरारें

Edited By Kuldeep, Updated: 30 Aug, 2025 04:26 PM

teesa police chowki old

आपदा में लोगों के लिए मसीहा पुलिस कर्मी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चुराह के नकरोड़ में पुलिस चौकी भूस्खलन की जद में आ गई है। ऐसे में 50 साल पुराने शेड में दरारें भी आ गई हैं।

तीसा (सुभानदीन): आपदा में लोगों के लिए मसीहा पुलिस कर्मी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चुराह के नकरोड़ में पुलिस चौकी भूस्खलन की जद में आ गई है। ऐसे में 50 साल पुराने शेड में दरारें भी आ गई हैं। चम्बा-तीस मार्ग पर चांजू नाला में चौकी के ठीक नीचे काफी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन ने अपना दायरा काफी बढ़ा लिया है। इससे ठीक चौकी के शैड के नजदीक भूस्खलन पहुंच गया है।

इससे पुलिस चौकी भी इसकी चपेट में आ सकती है। यदि समय रहते यहां के स्टाफ को शिफ्ट नहीं किया गया तो अनहोनी भी हो सकती है। यहां करीब 20 से अधिक जवान दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं। एक ओर हिमाचल प्रदेश पुलिस को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के दावे किए जा रही है, लेकिन जिला चम्बा में पुलिस को रहने के सुविधाजनक भवन तो दूर की बात है, कार्यालय भी सुरक्षित नसीब नहीं हो रहा है। पिछले कई वर्षों से ही चौकी के शेड क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके इनकी सुरक्षा की तरफ किसी की तवज्जो नहीं जा रही है।

यहां नाम के लिए तो पुलिस चौकी है, लेकिन इसे देखने के बाद हर कोई हैरान हो जाता है। भवन की हालात 1 तबेले से भी बदतर है। यहां कार्यरत पुलिस अधिकारी व कर्मचारी हमेशा खतरे से जूझते रहते है। हाल यह है कि इस शैड का निर्माण करीब 50 साल पहले एनएचपीसी द्वारा मजदूरों के ठहराव व स्टोर के तौर पर किया था। बाद में मजदूरों के जाने के बाद ये शैड सुनसान पड़ा हुआ था। शैड यहां के स्थानीय लोगों की निजी भूमि पर बना हुआ है। जिसको पुलिस विभाग ने चौकी के लिए किराए पर ले लिया।

खंडहर भवन में सेवाएं देने को मजबूर पुलिस कर्मी
हैरानी की बात है कि इस शैड में काफी सालों से पुलिस चौकी को चलाया जा रहा है। पुलिस के लिए यहां केवल 3 खस्ताहाल कमरे ही उपलब्ध हैं। जहां पुलिस को कामकाज, अपराधियों से निपटने व रहने की व्यवस्था तो है लेकिन पुलिस के रहने की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो आपदा में सबका साथ देने वाले पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं है तो जनता की सुरक्षा कैसे होगी। इसको लेकर पुलिस विभाग तो गंभीर दिख रहा है, लेकिन यहां केवल कागजी घोड़ा ही दौड़ा रहें हैं।

वर्तमान में पुलिस भवन की दरारें बढ़ती जा रही हैं लेकिन बावजूद इसके पुलिस कर्मी इसी भवन में अपनी सेवाएं देने पर मजबूर हैं। देखने वाली बात होगी कि समय रहते पुलिस प्रशासन यहां तैनात पुलिस कर्मियों के लिए सुरक्षित भवन तलाश कर पाता है या नहीं।

पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा ही नहीं
इस चौकी में करीब 20 पुलिसकर्मी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इन पुलिसकर्मियों को कोई आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं है। कमरों की कमी के चलते पुलिस कर्मियों को 1 कमरे में सोना पड़ता है। जगह कम होने के कारण पुलिस कर्मियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। बारिश में कई बार कमरे के अंदर पानी आ जाता है जिस कारण सामान खराब हो जाता है।

अपराधियों को रखने की नहीं व्यवस्था
जहां पुलिस जवानों के रहने व बैठने के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की यहां अपराधियों के लिए क्या व्यवस्था होगी। पुलिस चौकी में चरस तस्करी व अन्य आपराधिक मामले सामने आते रहते हैं लेकिन यहां अपराधियों के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण उन्हें तीसा थाना ले जाना पड़ता है।

एसडीपीओ सलूणी रंजन शर्मा का कहना है कि पुलिस चौकी के समीप चम्बा तीसा मार्ग पर भूस्खलन हो रहा है। वहीं जहां चौकी स्थापित है वहां भी दरारें आ गई हैं। जल्द ही यहां तैनात स्टाफ के लिए सुरक्षित भवन तलाश कर चौकी को शिफ्ट कर दिया जाएगा।

 

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