Edited By Kuldeep, Updated: 29 Dec, 2024 03:50 PM
जिला सिरमौर को पोर्टेबल एक्स-रे मशीन मिल गई है। अब टीबी जांच के लिए मरीजों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी, जिला के दुर्गम इलाकों में अब इसी पोर्टेबल (हाथ में पकड़ने योग्य) एक्स-रे मशीन से टीबी मरीजों की जांच संभव होगी।
नाहन (आशु) : जिला सिरमौर को पोर्टेबल एक्स-रे मशीन मिल गई है। अब टीबी जांच के लिए मरीजों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी, जिला के दुर्गम इलाकों में अब इसी पोर्टेबल (हाथ में पकड़ने योग्य) एक्स-रे मशीन से टीबी मरीजों की जांच संभव होगी। इसके लिए मरीज को अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि विभागीय कर्मी अब घर द्वार पर ही पहुंचकर संबंधित मरीज का एक्स-रे करेंगे। रिपोर्ट में टीबी रोग की पुष्टि होने के बाद ही अस्पताल भेजा जाएगा। इससे जिला में चल रहे टीबी स्क्रीनिंग अभियान में भी और अधिक तेजी आएगी।
दरअसल जिला सिरमौर में भी टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 100 दिवसीय एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जिला में करीब 75000 ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग की जानी है, जिनमें टीबी रोग होने की संभावना है। इन लोगों को 16 कैटागिरी में बांटा गया है। जिला में ये अभियान तेजी से चल रहा है। इसी के तहत जिला को यह जल्द पोर्टेबल हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन मिली है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने रविवार को शहर के एक निजी होटल में स्वास्थ्य कर्मियों को संबंधित मशीन से एक्स-रे करने का प्रशिक्षण भी दिया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निसार अहमद ने बताया कि यह सुविधा शुरू होने के बाद दुर्गम क्षेत्रों में इसी एक्सरे मशीन की मदद से टीबी का पता लगाने के लिए संभावित मरीजों के एक्सरे किए जाएंगे।
क्या होती है पोर्टेबल एक्सरे मशीन?
दरअसल किसी भी तरह के एक्सरे के लिए मरीज को अस्पताल जाना पड़ता है, लेकिन पोर्टेबल एक्स-रे मशीन एक ऐसी मशीन होती है, जिसे आपातकालीन कक्षों, आपातकालीन देखभाल केंद्रों, प्राकृतिक आपदा स्थलों, रोगी के घर या बुजुर्गों की देखभाल सुविधाओं और यहां तक कि क्लीनिकों में संयुक्त उपयोग सहित विभिन्न सेटिंग्स में उपयोग किया जा सकता है। जिला को मिली यह पोर्टेबल मशीन फिलहाल टीबी के संभावित मरीजों के ही एक्सरे करेगी। सीएसआर योजना के तहत सन फार्मा कंपनी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को मिली करीब 30 लाख की पोर्टेबल हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन से समय की बचत होगी।
रेडिएशन का नहीं कोई खतरा
इस मशीन को लैपटॉप के साथ जोड़ा जा सकेगा। इसमें कैमरा भी लगा है। कैमरे की मदद से ही फेफड़ों का एक्स-रे होगा। इसके तुरंत बाद ही अब रिपोर्ट मिल जाएगी। इसी रिपोर्ट से पता चलेगा कि संबंधित मरीज टी.बी. का संदिग्ध केस है या नहीं। इस मशीन से रेडिएशन का भी कोई भी खतरा नहीं है।