Sirmour: बिना परमिशन बन रही थी शराब, लेबर भी निकली फर्जी, फैक्टरी सील

Edited By Kuldeep, Updated: 04 May, 2025 09:31 PM

nahan liquor factory seal

राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने बिना परमिशन जिला सिरमौर में उत्तराखंड के लिए बनाई जा रही शराब की एक फैक्टरी का पर्दाफाश किया है।

नाहन (आशु): राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने बिना परमिशन जिला सिरमौर में उत्तराखंड के लिए बनाई जा रही शराब की एक फैक्टरी का पर्दाफाश किया है। विभाग के एडीशनल कमिश्नर उज्ज्वल राणा के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम ने जिले के औद्योगिक क्षेत्र कालाअम्ब में इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। फैक्टरी में न केवल अवैध तरीके से शराब बनाई जा रही थी, बल्कि इसे तैयार करने वाली लेबर भी फर्जी निकली। विभागीय टीम को मौके पर जो लेबर मिली वह चंडीगढ़ से ताल्लुक रखती है, जो यहां यह शराब तैयार कर रही थी। इस दौरान विभाग की टीम ने न केवल फैक्टरी से सैंकड़ों शराब की पेटियां बरामद की हैं, बल्कि लाखों की तादाद में शराब के लेबल भी सीज किए हैं। शराब फैक्टरी से बरामद सभी सामान को विभाग ने सीज कर फैक्टरी को सील कर दिया है। विभाग ने शनिवार-रविवार मध्यरात्रि करीब डेढ़ बजे फैक्टरी में यह दबिश दी और रविवार देर शाम तक विभाग की यह कार्रवाई जारी रही।

नाहन में पत्रकार वार्ता में मामले की जानकारी देते हुए राज्य कर एवं आबकारी विभाग के एडीशनल कमिश्नर उज्ज्वल राणा ने बताया कि इनपुट के आधार पर विभाग ने एक टीम का गठन किया, जो औद्योगिक क्षेत्र कालाअम्ब में नाहन रोड पर स्थित त्रिलोक सन्स ब्रेवरी एंड डिस्टलरी फैक्टरी में रात करीब डेढ़ पहुंची। आधी रात को दी गई दबिश के दौरान टीम ने पाया कि फैक्टरी के हाल में बोटलिंग प्रोसैस चल रहा था। पड़ताल की गई तो सामने आया कि उस समय प्लांट में बोटलिंग करने यानी शराब बनाने की परमिशन नहीं थी। यहां रॉयल ब्लू व्हिस्की की बोटलिंग हो रही थी, जिस पर सेल इन उत्तराखंड के लेबल लगे थे। जांच में यह भी सामने आया कि उक्त शराब को एक्सपोर्ट करने की भी कोई परमिशन नहीं थी। लिहाजा एक तरह से यहां अवैध तरीके से यह शराब तैयार की जा रही थी।

एडीशनल कमिश्नर ने बताया कि इस बीच बोटलिंग हाल में 20 से 22 लोग थे, जिनकी डी-7 रजिस्टर से वैरीफिकेशन की गई तो पाया गया कि ये सभी लेबर के लोग भी अनऑथराइज्ड थे। सीधे शब्दों में कहें तो फैक्टरी में अनऑथराइज्ड लेबर के माध्यम से अनऑथराइज्ड शराब (लीकर) तैयार की जा रही थी। राणा ने बताया कि इस दौरान फैक्टरी से रॉयल ब्लू शराब, जिस पर फॉर सेल इन उत्तराखंड के लेबल लगे हुए थे, उसकी लगभग 230 पेटियां विभाग ने सीज की हैं। बोटलिंग प्लांट यानी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को चैक करने पर वहां से एक ड्राई जिन मिला, उस पर भी रुद्रपुर उत्तराखंड का लेबल लगा था।

इस पर बोटल्स मैन्युफैक्चर इन रूद्रपुर उत्तराखंड की मार्किंग की गई थी, जिसके मौके पर लगभग 3.95 लाख लेबल विभाग को बरामद हुए, जिन्हें विभाग ने सीज कर लिया है। इसके अलावा संतरा फॉर सेल इन उत्तराखंड के लगभग 42,000 लेबल भी सीज किए गए हैं। विभागीय नियमों के तहत जांच पड़ताल करने और रजिस्टर से मिलान करने के बाद लगभग देसी के 2,100 केसिस और अंग्रेजी के करीब 1,100 केसिस फालतू मिले। इन्हें भी विभाग ने सीज किया है।

एडीशनल कमिश्नर ने बताया कि बोटलिंग प्लांट के पीछे फैक्टरी परिसर में ही खड़े कैंटर से करीब 41,000 प्लास्टिक पैट बोटल्स भी सीज की गई हैं, क्योंकि हिमाचल प्रदेश में अंग्रेजी व देसी दोनों के लिए पैट बोटल्स में शराब एलाऊड नहीं है। यह कैंटर पुलिस के सुपुर्द किया गया है। इसके अलावा लीकर के ऊपर लगने वाले चंडीगढ़ एक्साइज के 20 से 22 हजार ढक्कन (कैप्स) भी मौके से बरामद किए गए हैं, उन्हें भी विभाग ने सीज किया है। वहीं ईएनए जिससे लीकर बनती है, लगभग 4,500 बल्क लीटर अधिक पाया गया है, वह भी विभाग ने सीज किया है।

उन्होंने बताया कि अनऑथराइज्ड लेबर की डिटेल ली गई है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस विभाग का भी भरपूर सहयोग मिला। अब इस मामले में विभाग फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज की जांच पड़ताल करेगा। विभाग के उपायुक्त हिमांशु आर. पंवार की तरफ से मामले को लेकर लिखित शिकायत पुलिस को भी दी गई है। उन्होंने कहा कि कहां से यह ईएनए आया, कौन-सी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया और जो लीकर यहां बनी है, वह कहां-कहां सप्लाई हुई। ये सभी पहलू जांच के बाद ही सामने आ सकेंगे।

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