Edited By Vijay, Updated: 07 May, 2025 01:01 PM

पीजीआई चंडीगढ़ और आईजीएमसी शिमला की तर्ज पर डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन के विभिन्न वार्डों में भी बिना विजिटर पास लोगों की एंट्री नहीं होगी।
नाहन (आशु): पीजीआई चंडीगढ़ और आईजीएमसी शिमला की तर्ज पर डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नाहन के विभिन्न वार्डों में भी बिना विजिटर पास लोगों की एंट्री नहीं होगी। अस्पताल में भर्ती प्रत्येक मरीज के लिए बाकायदा 2 विजिटर पास होंगे, जिसके माध्यम से ही उसके तीमारदार अस्पताल में भर्ती अपने मरीज से मिल पाएंगे। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने यह विजिटर पास बनाने शुरू कर दिए हैं। पिछले कई दिनों से वार्डों के बाहर सुरक्षा कर्मी इस बाबत लोगों को जागरूक कर रहे हैं, लेकिन आगामी सोमवार से अस्पताल में इसे सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। लिहाजा अब बिना विजिटर पास वार्डों में किसी भी बाहरी व्यक्ति की एंट्री नहीं होगी।
मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित
उधर, प्रबंधन ने अस्पताल में आने वाले लोगों के लिए मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित कर दिया है। सुबह 11 से दोपहर 12ः30 बजे और शाम 3 से 5 बजे तक ही लोग अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिल पाएंगे। हालांकि तय किए गए इस निर्धारित समय के बाद मरीज को खाना या फिर अन्य किसी भी जरूरत का सामान उपलब्ध करवाया जा सकेगा। मरीज के साथ एक समय में उसका एक तीमारदार जरूर रह सकेगा, लेकिन उसके पास भी विजिटर पास होना अनिवार्य होगा। सीधे शब्दों में कहे तो जिस तर्ज पर पीजीआई और आईजीएमसी शिमला में विजिटर पास के माध्यम से लोग अपने मरीज से मिल सकते हैं, ठीक उसी तरह की सुविधा यहां भी उपलब्ध करवाई गई है। प्रबंधन ने यह कदम न केवल अस्पताल की सुरक्षा बल्कि स्टाफ, मरीज और उनसे मिलने आने वाले लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है।
वर्षों से चली आ रही समस्याओं से मिलेगी निजात
अस्पताल के सामान्य वार्ड हो या फिर स्पैशल वार्ड, अभी तक सालों से बिना रोक-टोक कोई भी व्यक्ति किसी भी समय आ-जा रहा था। लोग मरीजों के पास 1-1 और कई बार 2-2 घंटे तक भी बैठे रहते थे। हालांकि डाॅक्टरों के राऊंड के दौरान सुरक्षा कर्मी तीमारदारों सहित मिलने आने वाले लोगों को वार्डों से बाहर भेज देते थे, लेकिन अधिकतर समय में लोग मरीजों के साथ वार्डों में ही बैठे रहते थे। वार्डों में लोगों के जमावड़े का यह सिलसिला देर रात तक लगा रहता था। इतना नहीं, स्पैशल वार्ड में तो अक्सर मरीज के तीमारदार और मिलने आने वाले लोग सुरक्षा कर्मियों को यह कहते देखे जा सकते हैं कि स्पैशल वार्ड की पेमैंट कर रहे हैं। फिर वह बाहर क्यों जाएं। लिहाजा लोगों और सुरक्षा कर्मियों के बीच तू-तू, मैं-मैं भी आम बात हो गई थी। ऐसे में प्रबंधन के इस कदम से इन सभी समस्याओं से निजात मिल पाएगी।
इन्फैक्शन से भी हो सकेगा बचाव
मरीजों से मिलने आने वाले लोगों द्वारा बाहर से इन्फैक्शन लाने और अस्पताल में घंटों मरीजों के साथ बैठने के कारण इन्फैक्शन का खतरा रहता है। इससे बचाव बेहद जरूरी है। एक स्वस्थ इंसान भी अस्पताल में बीमार पड़ सकता है और मरीज का इन्फैक्शन भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए घातक हो सकता है। लिहाजा लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी प्रबंधन ने विजिटर पास सिस्टम की यह सुविधा शुरू की है।
सुरक्षा की दृष्टि से भी उठाया कदम
अस्पताल के वार्डों में कई बार सामान चोरी की घटनाएं भी हो चुकी हैं। ऐसे में मरीजों और उनके सामान की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होते आए हैं। हाल ही में कैंटीन संचालक के साथ भी मारपीट की घटना सामने आई। ये भी विजिटर पास शुरू करने की एक वजह है। प्रबंधन ने अस्पताल के वार्डों सहित पूरे अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया है।
क्या कहते हैं वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक
मेडिकल कॉलेज नाहन के वरिष्ठ मेडिकल अधीक्षक डाॅ. अजय पाठक अस्पताल में चाहे सामान्य वार्ड हो या फिर स्पैशल वार्ड, सभी के लिए विजिटर पास बनाना होगा। विजिटर पास देने शुरू कर दिए हैं और सुरक्षा कर्मी इस बारे पूछ रहे हैं। साथ ही जागरूक भी कर रहे हैं, ताकि लोग इस बारे अलर्ट हो जाएं। सोमवार से इसे सख्ती से लागू कर दिया जाएगा। मरीजों और लोगों को इन्फैक्शन से बचाने और सुरक्षा की दृष्टि से यह कदम उठाया गया है।
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