Shimla: राहुल लेंगे नए अध्यक्ष पर निर्णय, प्रतिभा बोलीं- देरी से कांग्रेस कमजोर हो रही

Edited By Kuldeep, Updated: 01 Aug, 2025 06:52 PM

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प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के संगठन को पुनर्गठित करने का मसला बार-बार आगे खिसकता जा रहा है, कार्यकर्त्ताओं में बैचेनी बढ़ती जा रही है

शिमला/धर्मशाला (सौरभ कुमार): प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के संगठन को पुनर्गठित करने का मसला बार-बार आगे खिसकता जा रहा है, कार्यकर्त्ताओं में बैचेनी बढ़ती जा रही है। प्रदेश व जिला कमेटियों में अहम पद पाने व समर्थकों को एडजस्ट करने की लालसा पाले पार्टी नेता दिल्ली दरबार में कई बार दस्तक दे चुके हैं। थक-हार कर अंदरखाते आलाकमान की सुस्त कार्यप्रणाली को कोस रहे हैं, लेकिन बीते करीब 10 माह से बिना संगठन चल रही हिमाचल कांग्रेस को लेकर न तो कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व फिक्रमंद लगता है और न ही नई बनीं राज्य प्रभारी रजनी पाटिल का संगठनात्मक कौशल कहीं दिख रहा है। उधर, प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने आलाकमान की कार्यप्रणाली से खिन्न होकर कहा है कि पार्टी बिना संगठन कमजोर होती जा रही है।

पार्टी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता की मानें तो नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ही लगाएंगे, क्योंकि अगले लोकसभा चुनाव से पहले पूरे देश में कांग्रेस के संगठनात्मक पुनर्गठन की कमान राहुल ने अपने हाथों में ली है। आलाकमान में गहरी पैठ रखने वाले इस नेता ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर कहा बीते 2 माह में राहुल गांधी बड़े राज्यों में आहूत पार्टी के कार्यकर्त्ता सम्मेलनों में व्यस्त रहे। फिर बिहार में वोटर लिस्ट सत्यापन के मसले पर पार्टी नेतृत्व का पूरा फोकस चला गया। ऐसे में हिमाचल को लेकर बैठक न होने से यह मसला बार-बार आगे खिसक रहा है।

हालांकि, जुलाई के अंतिम दिनों में नए अध्यक्ष का ऐलान प्रस्तावित था, लेकिन अब संसद के चल रहे मानसून सत्र में पक्ष-विपक्ष के मध्य गहमागहमी के चलते राहुल, प्रियंका व पार्टी अध्यक्ष समेत अन्य आला नेता काफी व्यस्त हैं। हालांकि पहले ही बहुत देर हो चुकी है, लेकिन आलाकमान इस माह कभी भी नए अध्यक्ष का नाम तय कर सकता है। बता दें कि अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले विनय कुमार व विनोद सुल्तानपुरी के नाम नए अध्यक्ष के तौर पर आगे चल रहे हैं, लेकिन हॉलीलाज कैम्प की ओर से वर्तमान अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नाम की जोरदार पैरवी आला नेताओं के समक्ष की जा चुकी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल से पहले ही मंत्रणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह फिर दिल्ली जा रहे हैं।

निकाय चुनाव टालने की कवायद कहीं इसलिए तो नहीं
दिसम्बर के अंत में प्रस्तावित नगर निकाय व पंचायती राज चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने भले ही तैयारियां छेड़ रखी हैं, लेकिन सरकार ने आरक्षण रोस्टर तय करने की कवायद आयोग की डैडलाइन के बावजूद कथित तौर पर होल्ड पर रख दी। इस निर्णय के पीछे सबसे बड़ी वजह पार्टी संगठन का गठन न होना माना जा रहा है, जबकि दूसरी ओर विपक्षी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के चयन के बाद प्रदेश व जिला स्तर पर नई कार्यकारिणी के गठन की दिशा में कहीं आगे बढ़ चुकी है। अब कैबिनेट में नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का निर्णय लेकर सरकार ने रोस्टर नए सिरे से तय करने की राह प्रशस्त कर दी है। ऐसे में चुनाव आगे खिसक सकते हैं।

दिल्ली में आलाकमान के समक्ष फिर रखूंगी बात
हिमाचल कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कहना है कि पार्टी संगठन के पुनर्गठन को लेकर बार-बार आलाकमान के सामने बात रखने के बावजूद अब तक कोई निर्णय न होना आम कार्यकर्त्ताओं के मन में निराशा भर रहा है व पार्टी लगातार कमजोर हो रही है। ऐसे में आगामी चुनावों में हम क्या परफॉर्मेंस देंगे, यह सवाल अभी से खड़ा होने लगा है। मैं जल्द ही दिल्ली जाकर आलाकमान से संगठन को लेकर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह करने वाली हूं।

 

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